मृत सागर का रहस्य: वैज्ञानिकों ने खोजीं अजीब 'चिमनियां', पानी के नीचे उगलती हैं रहस्यमय तरल के बादल
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मृत सागर का रहस्य: वैज्ञानिकों ने खोजीं अजीब 'चिमनियां', पानी के नीचे उगलती हैं रहस्यमय तरल के बादल

Dead Sea Chimneys: वैज्ञानिकों ने मृत सागर के तल में नमक की ऐसी ऊंची 'चिमनियों' की खोज की है जो लगातार बेहद गर्म तरल के बादल उगलती रहती हैं. पानी के नीचे मौजूद ये चिमनियां 7 मीटर तक लंबी हैं.

मृत सागर का रहस्य: वैज्ञानिकों ने खोजीं अजीब 'चिमनियां', पानी के नीचे उगलती हैं रहस्यमय तरल के बादल

Science News in Hindi: वैज्ञानिकों को मृत सागर की तलहटी में 'सफेद धुआं' छोड़तीं नमक की 'चिमनियों' का पता चला है. ये चिमनियां झिलमिलाते तरल पदार्थ के बादल उगलती हैं जो 'विनाश की चेतावनी' मालूम होते हैं. पानी में डूबे ये रहस्यमय खंभे 23 फीट (7 मीटर) तक लंबे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार, ये जीवन के लिए खतरा बनने वाले सिंकहोल की पूर्व चेतावनी हो सकते हैं. सिंकहोल समुद्र के इस इलाके में आम हैं.

यह स्टडी जर्मनी के हेल्महोल्ट्ज सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल रिसर्च में हाइड्रोइकोलॉजिस्ट क्रिश्चियन सीबर्ट के नेतृत्व में चली. उन्होंने एक बयान में कहा, 'आज तक, कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि अगला सिंकहोल कहां होगा. यह इन्हें भविष्य में ढहने के जोखिम वाले क्षेत्रों का पता लगाने के लिए एक बेहतरीन पूर्वानुमान उपकरण बनाता है.'

लगातार सिकुड़ रहा है मृत सागर

मृत सागर चारों तरफ जमीन से घिरी खारे पानी की झील है जिसकी सीमाएं जॉर्डन, इजरायल और वेस्ट बैंक से लगती हैं. यह अपनी लवणता के लिए दुनियाभर में मशहूर है. डेड सी यानी मृत सागर का पानी महासागर से लगभग 10 गुना अधिक खारा है. यह और भी अधिक खारा होता जा रहा है. इसी लवणता की वजह से इंसान इसके पानी में डूबता नहीं, उतराता रहता है.

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पिछले 50 सालों से, स्थानीय सूखा और वाष्पीकरण के कारण मृत सागर तेज़ी से सिकुड़ रहा है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, इस वजह से जलस्तर भी गिर रहा है, जिससे पड़ोसी देशों के लिए भूजल संसाधनों तक पहुंच पाना मुश्किल होता जा रहा है. इन्हीं संसाधनों की तलाश करते समय, सीबर्ट और उनकी टीम के डाइवर्स को इन सफेद खंभों का पता चला जिनसे झिलमिल तरल निकल रहा था.

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यह झिलमिलाता तरल क्या है?

सीबर्ट के मुताबिक, ये अनोखे हैं और दुनिया में कहीं और इन्हें नहीं देखा गया है. जांच से यह साफ हो गया कि यह झिलमिलाता तरल आसपास के एक्वीफायर्स से निकला भूजल था जो मृत सागर तल पर नमक से भरपूर चट्टानों की मोटी परतों में घुस गया था. जब यह पानी चट्टानों से होकर बहता है, तो उनके अंदर का कुछ नमक घुल जाता है, जिससे अत्यधिक सांद्रित नमकीन पानी बन जाता है.

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