भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सख्त कदम उठाते हुए भारतीय खिलाड़ियों के लिए नई पॉलिसी लागू कर दी है. इसमें घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य के साथ-साथ सीरीज या दौरे के दौरान खिलाड़ियों को व्यक्तिगत फोटोशूट या विज्ञापन में शामिल होने पर बैन लगाया है.
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BCCI New Policy for Players: पहले न्यूजीलैंड से घरेलू टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप और फिर ऑस्ट्रेलिया से बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से हार के बाद BCCI एक्शन मोड में है. खासकर सीनियर खिलाड़ियों के फ्लॉप प्रदर्शन के बाद. अब बोर्ड ने सख्त कदम उठाते हुए भारतीय खिलाड़ियों के लिए नई पॉलिसी लागू कर दी है. इसमें घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य के साथ-साथ सीरीज या दौरे के दौरान खिलाड़ियों को व्यक्तिगत फोटोशूट या विज्ञापन में शामिल होने पर बैन लगाया है. इस पॉलिसी में क्या-क्या है, आइए डिटेल में जानते हैं.
नई पॉलिसी में क्या-क्या?
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने को नेशनल क्रिकेट टीम में 'अनुशासन और एकजुटता' को बढ़ावा देने के लिए 10 पॉइंट्स पॉलिसी जारी की है. इसमें घरेलू क्रिकेट में खेलना अनिवार्य, दौरे पर परिवार और निजी स्टाफ की मौजूदगी पर पाबंदी के साथ-साथ सीरीज के दौरान व्यक्तिगत विज्ञापन पर बैन जैसे कई उपाय शामिल हैं. इस नीति का पालन नहीं करने पर खिलाड़ियों पर जुर्माना लगाया जाएगा, जिसमें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से उनकी रिटेनर फीस में कटौती और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में भाग लेने पर रोक शामिल है.
नहीं माने तो लिया जाएगा एक्शन
ऑस्ट्रेलिया के दौरे में टीम के खराब प्रदर्शन के बाद इन निर्देशों की घोषणा की गई है, जिसके पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में वाइटवाश का सामना करना पड़ा था. बोर्ड ने विदेशी दौरों के दौरान खिलाड़ियों के साथ परिवारों के रहने के लिए केवल दो सप्ताह की अवधि को मंजूरी दी है. इसके अलावा निजी स्टाफ और व्यावसायिक फोटो शूट पर बैन लगाए हैं. बोर्ड की नीति में कहा गया है, 'इसमें किसी भी अपवाद या विचलन को चयन समिति के अध्यक्ष और मुख्य कोच द्वारा पूर्व-अनुमोदित किया जाना चाहिए. इसका पालन नहीं करने पर बीसीसीआई द्वारा उचित समझी जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.'
पॉलिसी में ये पॉइंट्स भी शामिल
नीति में यह भी कहा गया, 'बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार सुरक्षित रखता है, जिसमें संबंधित खिलाड़ी को आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने से रोकना और बीसीसीआई के खिलाड़ी अनुबंध के अंतर्गत रिटेनर राशि या मैच फीस से कटौती करना शामिल हो सकता है.' इस डॉक्यूमेंट में यह भी कहा गया है कि अब से खिलाड़ियों को दौरे के दौरान अलग से यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा दौरे या मैच के जल्दी समाप्त होने की स्थिति में उन्हें जल्दी नहीं जाने दिया जाएगा.
अरुण मिश्रा बने BCCI के लोकपाल
एक अन्य खबर में, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) का लोकपाल नियुक्त किया गया है. मिश्रा बीसीसीआई के आचार अधिकारी के रूप में भी काम करेंगे. उन्होंने 7 जुलाई 2014 से 2 सितंबर 2020 तक सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश की भूमिका निभाई, जिसके बाद उन्हें 2 जून 2021 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. वह एक जून 2024 तक इस पद पर रहे.
3 सितंबर 1955 को ग्वालियर में जन्मे अरुण मिश्रा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और कलकत्ता के हाई कोर्ट्स के न्यायाधीश के रूप में लगभग 97000 मामलों में फैसला सुनाया. उन्हें 25 अक्टूबर 1999 को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया. बाद में 26 नवंबर 2010 को राजस्थान हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. उन्हें 14 दिसंबर 2012 को कलकत्ता हाई कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया.