India vs England: भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टी20 मुकाबला 25 जनवरी की शाम खेला जाएगा. पहले मैच में इंग्लैंड की नाक में दम करने वाले वरुण चक्रवर्ती दूसरे मैच के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज खोला कि आखिर कैसे वह बल्लेबाजों को आसानी से परख लेते हैं.
Trending Photos
India vs England: भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टी20 मुकाबला 25 जनवरी की शाम खेला जाएगा. पहले मैच में इंग्लैंड की नाक में दम करने वाले वरुण चक्रवर्ती दूसरे मैच के लिए भी तैयार हैं. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज खोला कि आखिर कैसे वह बल्लेबाजों को आसानी से परख लेते हैं. इसके लिए उन्होंने घरेलू क्रिकेट के प्रदर्शन को क्रेडिट दिया. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का स्तर आईपीएल के बराबर है और क्रिकेटरों को टी20 प्रारूप में अपना खेल बेहतर करने के लिये और घरेलू टूर्नामेंट खेलना चाहिये.
पहले टी20 में झटके 3 विकेट
चक्रवर्ती ने कोलकाता में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी20 मैच में तीन विकेट लेकर भारत की जीत में अहम योगदान दिया. उन्होंने दूसरे मैच से पूर्व प्रेस कांफ्रेंस में कहा, 'घरेलू क्रिकेट का स्तर काफी ऊंचा है. मैं कहूंगा कि आईपीएल या बाकी अंतरराष्ट्रीय मैचों के बराबर. मैं सभी को सलाह दूंगा कि सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलें क्योंकि हम छोटे मैदानों पर खेलते हैं. यह काफी चुनौतीपूर्ण है.
मुश्ताक अली ट्रॉफी खेलना कठिन- चक्रवर्ती
उन्होंने आगे कहा, 'मुझे सैयद मुश्ताक अली टूर्नामेंट खेलना काफी कठिन लगता है. इसे खेलने से मेरे प्रदर्शन में सुधार आया है. सबसे पहले मैं बल्लेबाजों के वीडियो देखता हूं कि वे शुरू में कैसे शॉट खेलते हैं और बाद में कैसे. उन्होंने कौन से नये शॉट खेलना शुरू किया है. मैं यह सब विश्लेषण करता हूं. पिच को देखते हुए कुछ शॉट चलते हैं और कुछ नहीं. यह सब ध्यान में रखकर मैं तैयारी करता हूं.'
ये भी पढ़ें... IND vs AUS: मोहम्मद शमी पर बड़ा अपडेट, दूसरे टी20 में होगी वापसी या फिर होंगे बाहर, प्रैक्टिस से हो गया साफ
2021 में बाहर हुए चक्रवर्ती
चक्रवर्ती साल 2021 में टीम इंडिया से ड्रॉप हो गए थे. उन्होंने कहा , 'जब 2021 में मुझे बाहर किया गया तो मुझे अपने खेल के मानसिक पहलू और तकनीक पर काम करने का काफी मौका मिला. मैने अपनी गेंदबाजी में काफी बदलाव किया. अब मैं हर मौके का पूरा फायदा उठाना चाहता हूं. गौतम गंभीर और सूर्या (कुमार यादव) यह सुनिश्चित करते हैं कि खिलाड़ियों पर बाहरी दबाव नहीं हो. वे बाहर की आवाजों को भीतर नहीं आने देते.'