Sachin Tendulkar Sourav Ganguly Story: सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली वर्ल्ड क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में एक हैं. दोनों की दोस्ती के किस्से भी मशहूर हैं. तेंदुलकर ने गांगुली से काफी पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था, लेकिन इसका असर उनकी दोस्ती पर नहीं पड़ा.
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Sachin Tendulkar Sourav Ganguly Story: सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली वर्ल्ड क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में एक हैं. दोनों की दोस्ती के किस्से भी मशहूर हैं. तेंदुलकर ने गांगुली से काफी पहले इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू कर लिया था, लेकिन इसका असर उनकी दोस्ती पर नहीं पड़ा. तेंदुलकर हमेशा से शांत खिलाड़ी रहे हैं. उन्हें कम ही मौकों पर गुस्से में देखा गया है. दूसरी ओर, गांगुली को एग्रेसिव प्लेयर के तौर पर जाना गया. वह अपनी भावनाओं को जाहिर करने का मौका नहीं गंवाते थे.
जब तेंदुलकर को आया था गुस्सा
मैच में हार के बाद भी तेंदुलकर ज्यादा नाराज नहीं होते थे. वह तुरंत ही आगे की तैयारियों में जुट जाते थे. टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने सचिन को एक बार बहुत ज्यादा गुस्से में देखा था. तेंदुलकर के गुस्से को देखकर वह हैरान रह गए थे. यहां तक कि मैच में हारने के बाद रोने लगे थे. गांगुली को उस समय अपनी आंखों पर भरोसा नहीं हो रहा था. उन्होंने सचिन को इस तरह कभी नहीं देखा था.
सौरव गांगुली ने किया था बड़ा खुलासा
गांगुली ने स्पोर्ट्स एंकर गौरव कपूर को दिए इंटरव्यू में इन बातों का खुलासा किया था. उन्होंने 1996-97 में वेस्टइंडीज के खिलाफ बारबाडोस मैच में मिली हार के बाद की कहानी बताई थी. गांगुली ने कहा था, ''हमारी टीम 120 रन का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाई थी. इस कारण सचिन काफी गुस्से में थे. मैंने ड्रेसिंग रूम पहली बार उन्हें रोते हुए देखा था. उन्होंने हार का गुस्सा मेरे ऊपर उतारा था. यहां तक उन्होंने यह भी कह दिया था कि अगर रन बनाना है तो सुबह मेरे साथ दौड़ना होगा. अगर मेरे साथ टीम में रहना है तो ऐसा करना होगा.''
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तेंदुलकर का कप्तानी में खराब रिकॉर्ड
गांगुली के मुताबिक, हार के बाद किसी कप्तान को गुस्सा आना स्वभाविक है. सचिन की कप्तानी में भारतीय टीम लगातार मैच भी हार रही थी. इस कारण वह काफी निराश थे. तेंदुलकर की कप्तानी में भारत 1996 से साल 2000 तक 25 टेस्ट खेला था. इस दौरान सिर्फ 4 मैचों में ही जीत मिली थी. भारत 9 मुकाबलों को ड्रॉ कराने में सफल हुआ था. 12 मैचों में टीम इंडिया को हार मिली थी. वनडे क्रिकेट की बात करें तो 73 मैचों में सचिन ने कप्तानी की थी. इस दौरान टीम को 23 में जीत और 43 में हार का सामना करना पड़ा था. एक मैच टाई पर छूटा था और 6 मुकाबलों में नतीजा सामने नहीं आया था.
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सचिन को जबरदस्ती नेट से निकालना पड़ता था: गांगुली
गांगुली ने उसी शो में तेंदुलकर से पहली मुलाकात की कहानी बताई थी. उन्होंने कहा, "जब मैंने पहली सचिन को देखा था तो उनके लंबे-लंबे बाल थे. वह मुंबई के थे तो भारतीय क्रिकेट में उनका नाम ज्यादा लिया जा रहा था. उस समय में मुंबई से निकलने वाले खिलाड़ियों को लेकर ज्यादा शोर होता था. सचिन सिर्फ बल्लेबाजी करते रहते थे. उन्हें नेट से जबरदस्ती निकालना पड़ता था. णुझे उसी समय लग गया था कि यह लड़का कुछ अलग है. मैं उन्हें बहुत अच्छे से जानता हूं.''