Kashmir News: कश्मीर में प्राकृतिक झरनों का पानी पीना घातक साबित हो रहा है. कश्मीर प्रशासन ने झरने का पानी इस्तेमाल करने वालों को इसे बचने के लिए कहा है. प्रशासन ने बड़ा अलर्ट जारी कर कहा है कि झरने के पानी में बैक्टिरिया हो सकता है.
Trending Photos
Kashmir News: कश्मीर में प्राकृतिक झरनों का पानी पीना घातक साबित हो रहा है. कश्मीर प्रशासन ने झरने का पानी इस्तेमाल करने वालों को इसे बचने के लिए कहा है. प्रशासन ने बड़ा अलर्ट जारी कर कहा है कि झरने के पानी में बैक्टिरिया हो सकता है और यह किसी को भी बुरी तरह संक्रमित कर सकती है. गांदरबल और श्रीनगर में झरनों से लिए गए पानी के 40 सैंपलों की जांच में 37 नमूने बैक्टीरिया से संक्रमित मिले हैं. इस चेतावनी के पीछे मुख्य कारण हाल ही में पीलिया के मामलों में आई तेजी बताया जा रहा है. प्रशासन ने लोगों से झरनों का पानी न पीने की अपील की है. साथ ही कहा है कि अगर मजबूरी में इसका इस्तेमाल करना पड़े तो इसे अच्छी तरह उबालकर ही पीना सेहत के लिए ठीक होगा.
बैक्टीरिया संक्रमण से पानी असुरक्षित
कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि गांदरबल में झरनों से लिए गए 40 सैंपलों में से 37 में बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई है. जल शक्ति (लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी) विभाग ने बुधवार को एक आधिकारिक आदेश जारी किया. इसमें कहा गया है कि इतने बड़े स्तर पर संक्रमण मिलने के कारण झरनों का पानी पीने लायक नहीं है. प्रशासन ने इन क्षेत्रों के लोगों को सलाह दी है कि वे अगले आदेश तक सिर्फ नल का पानी ही इस्तेमाल में लाएं.
पीलिया के बढ़ते मामलों से प्रशासन सतर्क
सूत्रों ने बताया कि पिछले एक महीने में कश्मीर घाटी में पीलिया के मामलों में अचानक तेजी आई है. खासतौर पर गांदरबल और श्रीनगर के ग्रामीण इलाकों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. इसको देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग ने कई जिलों में पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए विशेष टीमें तैनात की है. गांदरबल में बड़े पैमाने पर पानी के सैंपल जुटाए गए हैं.
राजौरी में झरने के पानी से 17 की मौत
गांदरबल और श्रीनगर में यह अलर्ट ऐसे समय में आया है जब हाल ही में जम्मू के राजौरी जिले में एक झरने का पानी जहरीला पाया गया था. इस झरने से पानी पीने के बाद 17 लोगों की मौत हो गई थी. जांच में पता चला था कि पानी में ऑर्गेनोफॉस्फेट नामक जहरीला पदार्थ मिला हुआ था. जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है.
सुरक्षा के लिए उबले हुए पानी की सलाह
जल शक्ति विभाग के कार्यकारी अभियंता समीउल्लाह बेग ने कहा कि यदि किसी को झरने का पानी पीना ही पड़े, तो उसे लंबे समय तक उबालने के बाद ही इस्तेमाल किया जाए. यह बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक तत्वों को नष्ट कर सकता है.
अनंतनाग में बच्चों में पीलिया के मामले
गांदरबल और श्रीनगर के अलावा अनंतनाग जिले के गुटलीगुंड क्षेत्र में भी पीलिया के कई मामले सामने आए हैं. अब तक इस इलाके में 6 से 16 वर्ष की उम्र के 27 बच्चे पीलिया से प्रभावित हो चुके हैं. स्वास्थ्य विभाग ने यहां 10 रक्त और 2 पानी के नमूने जांच के लिए भेजे थे, जिनमें से 9 नमूनों में हेपेटाइटिस-ए संक्रमण की पुष्टि हुई है.