Dalit Muslim factor: दिल्ली में मतदान हो गया.. एग्जिट पोल भी आ गया. एग्जिट पोल ने बाजी पलट दी है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में सिंगल डिजिट तक सिमटने वाली बीजेपी इस बार शानदार वापसी करती दिख रही है. लेकिन यह सब कैसे हुआ इसकी क्रोनोलॉजी समझने की जरूरत है.
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Delhi Election 2025 Results: दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरान पिछले दिनों गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली में एक रोड शो कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक पत्रकार को कह दिया कि नोट कर लीजिए केजरीवाल और आतिशी सब अपनी-अपनी सीट हार रहे हैं. इतना ही नहीं जब उनसे सीएम फेस के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हमारे सभी प्रत्याशियों को लग रहा है कि वे सीएम बन सकते हैं और उन्हें ऐसा लगना भी चाहिए. कोई भी सीएम बन सकता है. अमित शाह के इस बयान की ज्यादा चर्चा नहीं हुई थी. अब जबकि मतदान हो गया.. एग्जिट पोल भी आ गया. एग्जिट पोल ने बाजी पलट दी है. पिछले दो विधानसभा चुनावों में सिंगल डिजिट तक सिमटने वाली बीजेपी इस बार शानदार वापसी करती दिख रही है. लेकिन यह सब कैसे हुआ इसकी क्रोनोलॉजी समझने की जरूरत है.
दरअसल दिल्ली चुनाव के मतदान का समय खत्म होते होते बुधवार को आए एग्जिट पोल ने सबको चौंका दिया. एग्जिट पोल के नतीजों में बीजेपी के स्पष्ट बहुमत मिलने की भविष्यवाणी की गई है. यह आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है जो लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की उम्मीद कर रहे थे. एक बात यह कही जा रही है कि जिस फैक्टर के दम पर आप को उम्मीद थी उसी 'DM' फैक्टर ने AAP का खेल बिगाड़ा है.
यह बात सही है कि दिल्ली में बीते 10 वर्षों से सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी को इस बार भारी एंटी-इंकम्बेंसी का सामना करना पड़ा. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा जिससे AAP की छवि पर असर पड़ा. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तो कांग्रेस का मुस्लिम और दलित वोट बैंक में सेंध लगाना भी AAP के लिए नुकसानदायक साबित हुआ. एग्जिट पोल के आंकड़ों में कांग्रेस के खाते में 1-2 सीटें आ सकती हैं लेकिन उसके उम्मीदवारों ने AAP के कई सीटों पर वोट काटे जिससे सीधे बीजेपी को फायदा मिला.
वैसे तो पांच एग्जिट पोल्स के औसत के मुताबिक बीजेपी 39 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रही है, जबकि AAP 30 सीटों पर सिमट सकती है. हालांकि कुछ पोल्स AAP की वापसी की भी भविष्यवाणी कर रहे हैं. Mind Brink ने AAP को 44-49 सीटें और WeePreside ने 46-52 सीटें दी हैं. वहीं Matrize के आंकड़ों में करीबी मुकाबला दिखाया गया है, जिसमें बीजेपी को 35-40 और AAP को 32-37 सीटें मिल सकती हैं.
दिल्ली में दलित और मुस्लिम समुदाय अब तक AAP के मजबूत वोट बैंक माने जाते थे. 2015 और 2020 में झुग्गी-झोपड़ी और अनधिकृत कॉलोनियों के मतदाताओं ने AAP को बड़ी जीत दिलाई थी. लेकिन इस बार कांग्रेस के मैदान में रहने से मुस्लिम वोट बंट गए. वहीं बीजेपी ने गरीबों और झुग्गीवासियों के बीच अपनी पैठ मजबूत की. इसी का साफ-साफ असर नतीजों में दिख सकता है.
भ्रष्टाचार के आरोप और 'शीश महल' बन गया विवाद
यह बात भी सही है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने AAP सरकार के कथित घोटालों को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया. शराब नीति घोटाले और शीश महल विवाद ने AAP को बचाव की मुद्रा में ला दिया. बीजेपी ने प्रचार में इन मुद्दों को जोर-शोर से उठाया जिससे मध्यम वर्ग के मतदाताओं में AAP के प्रति नाराजगी बढ़ी. फिलहाल अब सबकी नजरें 8 फरवरी को होने वाली वोटों की गिनती पर हैं. अगर एग्जिट पोल सही साबित होते हैं तो दिल्ली में बीजेपी 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर सकती है.