पर्थ टेस्ट मैच के पहले दिन केएल राहुल को थर्ड अंपायर द्वारा आउट करार दिए जाने पर कॉन्ट्रोवर्सी हो गई. कई दिग्गज क्रिकेटर्स ने अंपायरिंग पर सवाल खड़े किए.
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KL Rahul Wicket Controversy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पर्थ में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला खेला जा रहा है. इस मैच के पहले दिन भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल 26 रन बनाकर आउट हुए. थर्ड अंपायर द्वारा उनके आउट दिए जाने पर विवाद हो गया. राहुल को विकेट के पीछे कैच आउट करार दिया. थर्ड अंपायर के इस फैसले बाद केएल राहुल निराश मन के साथ पवेलियन लौटे.
क्या सच में आउट थे केएल राहुल?
केएल राहुल को विकेट के पीछे कैच आउट दिये जाने के फैसले से विवाद खड़ा हो गया है. दोनों देशों के पूर्व क्रिकेटरों ने मैदानी अंपायर के 'नॉट आउट' के फैसले को बदलने वाले तीसरे अंपायर के फैसले पर सवाल भी उठाये. दरअसल, मैदानी अंपायर रिचर्ड केटलबरो ने राहुल के पक्ष में फैसला दिया था, लेकिन मेजबान टीम ने डीआरएस लिया . तीसरे अंपायर रिचर्ड इलिंगवर्थ ने 'स्प्लिट स्क्रीन व्यू' देखे बिना यह फैसला बदल दिया. लंच से ठीक दस मिनट पहले यह सब हुआ और भारत ने चार विकेट 51 रन पर गंवा दिये. राहुल ने 74 गेंद में 26 रन बनाए.
पवेलियन लौटते समय राहुल ने क्या किया?
केएल राहुल ने थर्ड अंपायर के फैसले के बाद यह संकेत भी दिया कि गेंद के किनारे से गुजरने के समय उनका बल्ला पैड पर लगा था. हालांकि, वह कुछ नहीं कर सकते थे और हताशा में सिर हिलाते हुए मैदान से चले गए. फैसले के प्रति अपनी असहमति जताते हुए राहुल को कुछ शब्द कहते देखा गया. चूंकि इस आउट को लेकर सोशल मीडिया पर बहस जारी है. इसलिए यदि राहुल अंपायर के फैसले के प्रति असहमति दिखाने के दोषी पाए जाते हैं तो क्या उनपर ICC कोई एक्शन लेगा?
क्या कहता है नियम?
खिलाड़ियों के आचरण के नियम 42.2 के अनुसार, 'यदि लेवल 1 का अपराध किसी भी लेवल पर उस टीम द्वारा किया गया पहला अपराध है, तो अंपायर पहली और आखिरी चेतावनी जारी करेगा, जो मैच के शेष समय में टीम के सभी सदस्यों पर लागू होगी.' साथ ही, 'यदि लेवल 1 का अपराध किसी भी लेवल पर उस टीम द्वारा किए गए अपराध के बाद होता है तो अंपायर विरोधी टीम को 5 पेनल्टी रन देगा.'
दिग्गज क्रिकेटर्स ने उठाए सवाल
फॉक्स क्रिकेट के लिये कमेंट्री कर रहे भारत के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने कहा कि मैदानी अंपायर का फैसला बदलने के लिये तीसरे अंपायर के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे. उन्होंने कहा, 'मेरी शुरूआती प्रतिक्रिया थी कि क्या तीसरे अंपायर के पास पर्याप्त सबूत थे, जो उन्होंने मैदानी अंपायर का फैसला बदल दिया. मैदानी अंपायर ने उसे नॉट आउट दिया था. मुझे नहीं लगता कि यह फैसला बदलने के लिये पर्याप्त कारण थे.' आस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हस्सी ने कहा, 'यह विवादास्पद है. स्निकोमीटर पर स्पाइक था, लेकिन यह नहीं पता कि वह बल्ले से गेंद टकराने का था या बल्ले से पैड टकराने का. आप देख सकते हैं कि बल्ला पैड पर लग रहा है. मेरे दिमाग में इसे लेकर संदेह है. इस फैसले को सौ फीसदी सही नहीं ठहराया जा सकता. निराशाजनक तो यह है कि तकनीक सही फैसले लेने के लिये है.' मैथ्यू हेडन, वसीम जाफर और पूर्व अंपायर साइमन टोफेल ने भी इस फैसले पर सवाल खड़े किए.