Bangladesh News: जिस कंपनी की जांच हो रही थी उसी के कर्मचारी की रहस्यमयी मौत ने शक की सुई को यूनुस सरकार के प्यादों की तरफ घुमा दिया है. क्या है बांग्लादेश में यूनुस सरकार से जुड़ी इस मर्डर मिस्ट्री का सच आपको बताएंगे अपनी इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में.
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मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के बांग्लादेश में हिंदुओं के बाद अब विदेशी नागरिकों का खून बहाया जा रहा है. बांग्लादेश में एक रूसी नागरिक का शव बरामद किया गया है. जिस रूसी नागरिक का शव मिला है. उसका नाम IVAN KAITZMOV है. जिसका शव बांग्लादेश के रुपपुर न्यूक्लियर पावर प्लांट की हाउसिंग सोसाइटी से मिला है. इस न्यूक्लियर पावर प्लांट को रूस की कंपनी ROSATOM चलाती है. इस कंपनी के खिलाफ यूनुस सरकार ने जांच कमेटी बना रखी है. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की निगाह ढाका की ओर हो सकती है.
हिंदुओं को मारते मारते रूसी नागरिक को मार दिया
जब से बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की सरकार आई है. तब से बांग्लादेशी कट्टरपंथी बेलगाम होकर आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं. और रूसी नागरिक के मर्डर से भी एक बांग्लादेशी मौलाना का नाम जोड़ा जा रहा है और यह शख्स है, जशीमुद्दीन रहमानी, बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसारुल्ला बांग्ला टीम का सरगना है. रूसी नागरिक के शव और जशीमुद्दीन रहमानी के बीच लिंक है. 100 करोड़ टका की रकम.
100 करोड़ टका की रिश्वत का खेल!
ज़ी न्यूज को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक यूनुस सरकार में बैठे कथित छात्र नेताओं ने न्यूक्लियर प्लांट चलाने वाली कंपनी रोसाटोम से 100 करोड़ टका की रिश्वत मांगी थी. और इस फिरौती के पीछे दिमाग जशीमुद्दीन रहमानी का था. जिसे कुर्सी मिलते ही यूनुस ने जेल से रिहा किया था.
दरअसल मोहम्मद यूनुस की सरकार ने आरोप लगाया था कि रूपपुर में न्यूक्लियर प्लांट लगाने के बदले में रोसाटोम ने शेख हसीना को 5 बिलियन डॉलर की रिश्वत दी थी. रूसी कंपनी ने ऐसे आरोपों से साफ इंकार करते हुए यूनुस सरकार के खिलाफ कानूनी एक्शन की चेतावनी दी थी. माना जा रहा है कि इस चेतावनी के बाद ही रहमानी के इशारों पर कंपनी से फिरौती मांगी गई और फिरौती ना मिलने पर रोसातोम के रूसी कर्मचारी का कत्ल कर दिया गया. रहमानी पर शक इसलिए भी गहराता है क्योंकि हत्या कर दहशत फैलाना रहमानी का टेरर सिग्नेचर रहा है.
बांग्लादेश और रूस के रिश्तों में कड़वाहट
बांग्लादेश में सेकुलर लेखकों और ब्लॉगर्स के खिलाफ रहमानी ने ही हिंसक कैंपेन चलाया था. रहमानी ने इन लेखकों को सेकुलर सामग्री लिखने से मना किया था. जब लेखक नहीं माने तो रहमानी के गुर्गों ने अहमद राजिब हैदर नाम के एक ब्लॉगर की हत्या कर दी थी. जेल से रिहा होने के फौरन बाद रहमानी ने एक वीडियो मैसेज जारी कर हिंदुओं और भारत को भी धमकाया था. अब तक सिर्फ शक है. अगर रूसी नागरिक की मौत के पीछे रहमानी का हाथ साबित हो गया. तो यूनुस के लिए रहमानी एक ऐसा मुद्दा बन जाएगा, जो बांग्लादेश और रूस के रिश्तों में कड़वाहट पैदा कर देगा.