Nigeria Crisis: दुनिया के सबसे अशांत इलाकों में से एक नाइजीरिया में महिलाओं की बेबसी कब दूर होगी? हम ये सवाल इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि इस देश में महिलाओं के अत्याचार और उत्पीड़न का लंबा इतिहास रहा है. आतंकी संगठन बोको हरम के खौफ की वजह से आज भी नाइजीरिया की महिलाएं सिहर उठती हैं.
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Boko Haram Threat: पूर्वोत्तर नाइजीरिया (Nigeria) के बोर्नो स्टेट में हाल ही में हुए एक हमले के दौरान इस्लामिक चरमपंथी संगठन बोको हरम (Boko Haram) के आतंकवादियों ने करीब 42 महिलाओं का अपहरण कर लिया. इस वारदात को अंजाम देने से पहले आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर हमला किया. सिविलियन ज्वाइंट टास्क फोर्स (लोकल सिक्योरिटी) के एक सदस्य के मुताबिक, 'बोर्नो का जेरे डिस्ट्रिक्ट, 14 साल से बोको हरम द्वारा शुरू किए गए विद्रोह का एपिसेंटर है. विद्रोहियों ने महिलाओं पर ये हमला उस वक्त किया जब वे काम से बाहर निकली थीं.'
नाकाम साबित हो रही यहां की सरकार
'ABC' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अगवा हुई महिलाएं माफा जिले की मूल निवासी हैं. जो रिफ्यूजी कैंपों में रह रही थीं. आतंकवादियों ने 46 महिलाओं को अगवा किया था लेकिन बाद में 4 को छोड़ दिया. नाइजीरिया की सरकार 14 साल से इस आतंकी संगठन की नकेल नहीं कस पाई है. स्थानीय आतंकवादियों ने अगवा हुई कुल 42 महिलाओं में सबकी रिहाई के लिए अलग-अलग 50000 नायरा (55 डॉलर यानी करीब 4500 रुपये) की फिरौती मांगी है. पुलिस-प्रशासन लाचार दिख रहा है ऐसे में स्थानीय लोग अब इन महिलाओं की रिहाई के लिए कुछ कम धनराशि देने के संबंध में बार्गेनिंग कर रहे हैं. ये घटनाक्रम यहां की सरकार और पुलिस-प्रशासन की नाकामी को दिखाता है.
10 साल से महिलाओं को बना रहे निशाना
पश्चिमी देशों की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बोको हराम के आतंकी कायरना तरीकों से महिलाओं खासकर नाबालिग लड़कियों को निशाना बनाते हैं. 'द गार्डियन' के मुताबिक अप्रैल 2014 में इसी आतंकवादी संगठन बोको हरम के लोगों ने वाग्गा चिबोक सिटी के नजदीक गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल से 16 से 18 साल की उम्र की 300 से ज्यादा ईसाई छात्राओं को अगवा कर लिया था. इस वारदात ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था. उसी दौर में बोको हरम के साथ यहां की सरकार ने संघर्ष विराम का दावा किया था, जो झूठा साबित हुआ था.
जबरन शादी तो कभी फिरौती के लिए अपहरण
रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संगठन के आतंकवादी कभी अपने लड़ाकों की जबरन शादी तो कभी फिरौती के लिए औरतों और बच्चियों को निशाना बनाते हैं. 2014 में ही ऐसी एक और वारदात में आंकियों ने उत्तर-पूर्व नाइजीरिया के दो शहरों से साठ महिलाओं और लड़कियों का अपहरण कर लिया था. इस मामले में स्थानीय लोगों ने एक फ्रेंच न्यूज एजेंसी को बताया था कि संदिग्ध इस्लामी बंदूकधारी घर-घर जाकर युवा महिलाओं और लड़कियों की तलाश कर रहे थे.
पश्चिमी अफ्रीका के अशांत देश में महिलाएं सामुदायिक हिंसा का शिकार
नाइजीरिया पश्चिमी अफ्रीका का एक बड़ा और अशांत देश है. जहां अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ज्यादा आबादी रहती है. यहां के लोग सालों से जातीय और मजहबी हिंसा से जूझ रहे हैं. नाइजीरिया के उत्तरी क्षेत्र में मुस्लिमों की बड़ी आबादी है, जबकि दक्षिणी क्षेत्र में ईसाइयों की आबादी ज्यादा है. इन दोनों समुदायों के बीच जमीन को लेकर अकसर लड़ाई होती रहती है, जिसमें अभी तक हजारों लोग मारे गये हैं. इसका दंश भी महिलाओं को सहना पड़ा है. इसी साल मई 2023 में दो समुदायों के बीच भीषण हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 30 लोग मारे गये थे.
उत्तरी नाइजीरिया के हालात सबसे ज्यादा खराब
उत्तरी नाइजीरिया में मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है, वहां आतंकी संगठन बोको हरम का वर्चस्व है. बीते कुछ सालों में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस की जड़े यहां मजबूत हुई हैं. शरिया कानून लागू कराने की मुहिम में मुस्लिमों पर भी अत्याचार हुआ है. यहां की महिलाएं बेहद खराब स्थितियों में जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. क्योंकि बोको हरम हमेशा से महिलाओं और छात्राओं को अगवा करने के लिए कुख्यात रहा है.