एक्‍सपोर्ट के जरिए भारत को चोट देने के चक्‍कर में गच्‍चा खाएगा चीन, झेलना पड़ेगा बड़ा नुकसान
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एक्‍सपोर्ट के जरिए भारत को चोट देने के चक्‍कर में गच्‍चा खाएगा चीन, झेलना पड़ेगा बड़ा नुकसान

India China Import Export: चीन भारत को एक्‍सपोर्ट के जरिए कई क्षेत्रों में नुकसान पहुंचाने की फिराक में है. ड्रैगन द्वारा भारत पर निर्यात प्रतिबंध लगाने से उसे खुद भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा.

एक्‍सपोर्ट के जरिए भारत को चोट देने के चक्‍कर में गच्‍चा खाएगा चीन, झेलना पड़ेगा बड़ा नुकसान

China Export Restrictions: इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र की भारतीय कंपनियों चीन के एक्‍सपोर्ट रिस्ट्रिक्‍शंस के चलते देरी का सामना करना पड़ रहा है. चीन से इन क्षेत्रों की कंपनियां प्रमुख कच्चे माल और मशीनरी का आयात करती हैं लेकिन अब चीन के प्रतिबंधों के कारण इसमें देरी और रुकावटों का सामना करना पड़ रहा है.

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भारत के वीजा प्रतिबंधों के बाद बदले की कार्रवाई

आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई ने बृहस्पतिवार को कहा कि ये प्रतिबंध भारत द्वारा चीनी निवेश तथा वीजा पर लगाए गए प्रतिबंधों की जवाबी कार्रवाई हो सकते हैं. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (जीटीआरआई) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ''इससे भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार युद्ध बढ़ने का भी संकेत मिलता है. हमें उम्मीद है कि भारत संबंधी प्रतिबंध जल्द ही हट जाएंगे, क्योंकि इनसे चीन को भी नुकसान होगा.''

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चीन को भी होगा भारी नुकसान

जीटीआरआई के संस्‍थापक ने कहा कि ये प्रतिबंध भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर और ईवी क्षेत्रों को तो प्रभावित करते हैं, लेकिन साथ ही ये चीन के अपने विनिर्माण तथा निर्यात के लिए भी हानिकारक हैं.

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माल का निर्यात रोक रहा चीन

जीटीआरआई ने कहा, ''इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर और ईवी क्षेत्र की भारतीय कंपनियों को देरी और व्यवधान का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि चीन कच्चे माल और मशीनरी के निर्यात को रोक रहा है.''  

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उन्होंने कहा कि भारत को चीन की अनुचित मांगों के प्रति दृढ़ रहना चाहिए तथा स्थानीय विनिर्माण क्षमताओं के निर्माण व आपूर्ति श्रृंखलाओं में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. भारत विशेष रूप से चीन के निर्यात प्रतिबंधों के प्रति संवेदनशील है, क्योंकि इसके कई उद्योग चीनी मशीनरी, मध्यवर्ती वस्तुओं और घटकों पर निर्भर हैं.

जापान, दक्षिण कोरिया से मजबूत हो साझेदारी

चीन से भारत का आयात 2023-24 में बढ़कर 101.73 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो 2022-23 में 98.5 अरब डॉलर था. सरकार ने 2020 में भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों के लिए किसी भी क्षेत्र में निवेश के लिए उसकी मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया था. उन्होंने कहा, ''भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर पैनल और ईवी के लिए उच्च गुणवत्ता वाले घटकों के स्रोत के लिए जापान और दक्षिण कोरिया के साथ साझेदारी को भी मजबूत करना चाहिए. इन देशों के साथ जुड़ने से भारत को चीन पर निर्भरता कम करने और अधिक लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने में मदद मिलेगी.''

गौरतलब है कि अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर नए शुल्क लगाने की संभावना के बीच चीन ने महत्वपूर्ण खनिजों तथा उच्च प्रौद्योगिकी वाले उपकरणों पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिए हैं.

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