खतरे में है चीन की अर्थव्‍यवस्‍था! जनसंख्‍या के आंकड़ों ने उड़ाई जिनपिंग की नींद, जानें पूरा मामला
Advertisement
trendingNow12605078

खतरे में है चीन की अर्थव्‍यवस्‍था! जनसंख्‍या के आंकड़ों ने उड़ाई जिनपिंग की नींद, जानें पूरा मामला

China's Population: चीन इस समय एक बड़ी और गंभीर समस्‍या से जूझ रहा है, जिसका सीधा असर चीन की अर्थव्‍यवस्‍था समेत कई पहलुओं पर पड़ेगा. जिनपिंग सरकार देश की घटती जनसंख्‍या को लेकर बेहद चिंता में है.

खतरे में है चीन की अर्थव्‍यवस्‍था! जनसंख्‍या के आंकड़ों ने उड़ाई जिनपिंग की नींद, जानें पूरा मामला

China Population Decline: देश की सबसे ज्‍यादा आबादी वाला मुल्‍क रहा चीन अब जनसंख्‍या में गिरावट की बड़ी समस्‍या से जूझ रहा है. यहां जन्‍म दर में लगातार गिरावट आ रही है. चीन की सरकार ने शुक्रवार को कहा कि साल 2024 लगातार तीसरा साल था जब देश की जनसंख्या में गिरावट आई है. इससे दुनिया के दूसरे सबसे अधिक आबादी वाले देश के लिए आगे जनसांख्यिकीय चुनौतियां बढ़ रही हैं, जो अब उम्रदराज लोगों की आबादी बढ़ने और कामकाजी उम्र के लोगों की लगातार कमी का सामना कर रहा है.  

यह भी पढ़ें: टीचर ने 13 साल के स्‍टूडेंट का यौन शोषण किया, फिर उसके बच्‍चे की मां बनी, रिश्‍तों का ऐसा मचौना नहीं देखा होगा

तेजी से घट रही चीन की आबादी

चीन की जनसंख्या 2024 के अंत में करीब एक अरब 40 करोड़ है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 14 लाख कम है. बीजिंग में सरकार द्वारा घोषित आंकड़े दुनिया भर के जनसंख्या रुझानों के अनुरूप हैं, खास तौर से पूर्वी एशिया में, जहां जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग और अन्य देशों में जन्म दर में गिरावट देखी गई है.  

यह भी पढ़ें: निर्वस्त्र होकर पूरे शहर में घूमी थी ये रानी, इतिहास में कही जाती है महान, देखने वालों की आंखें...

3 साल पहले चीन जनसंख्या में लगातार गिरावट आने के मामले में जापान और पूर्वी यूरोप के अधिकांश देशों की सूची में शामिल हो गया था. कई मामलों में इस प्रवृत्ति के कारण समान हैं: जीवन-यापन की बढ़ती लागत के कारण युवा लोग उच्च शिक्षा और कॅरियर को तरजीह देते हुए विवाह और बच्चे पैदा करने को टाल रहे हैं या इससे इनकार कर रहे हैं. यहां के लोग लंबे समय तक जी रहे हैं जबकि इसकी तुलना में देश में नवजातों की जन्म दर कम है.

यह भी पढ़ें: अंबानी के घर से ऊंचा है 58 मंजिला ट्रंप टॉवर, क्‍यों व्‍हाइट हाउस छोड़ NY के इस महल में रहेंगी ट्रंप की पत्‍नी मेलानिया? 

पहले तेजी से बढ़ी थी आबादी

चीन जैसे देश जो अप्रवासन की अनुमति ना के बराबर देते हैं, वे विशेष रूप से जोखिम में हैं. चीन लंबे समय से दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक रहा है, जिसने दक्षिण में चावल और उत्तर में गेहूं पर पलने वाली आबादी को बनाए रखने के लिए आक्रमणों, बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं को झेला है.  

यह भी पढ़ें: वो सबसे खतरनाक समुद्री दुर्घटना, जब तीरों की बौछार झेल रहे चीन के जहाज को भारतीय सुरक्षा बलों ने बचाया था

द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति और 1949 में कम्युनिस्ट पार्टी के सत्ता में आने के बाद, बड़े परिवार फिर से उभरे और केवल 3 दशक में ही चीन की जनसंख्या दोगुनी हो गई, जबकि कृषि और उद्योग में क्रांति लाने के लिए ‘ग्रेट लीप फॉरवर्ड’ और उसके कुछ साल बाद हुई सांस्कृतिक क्रांति में लाखों लोग मारे गए थे.

फिर लाए सिंगल चाइल्‍ट पॉलिसी

सांस्कृतिक क्रांति की समाप्ति और नेता माओत्से तुंग की मृत्यु के बाद, कम्युनिस्ट नौकरशाहों को चिंता होने लगी कि देश की जनसंख्या उसकी लोगों का पेट भरने की क्षमता से अधिक हो रही है.  इसके बाद उन्होंने कठोर तरीके से 'एक संतान नीति' लागू कर दिया था.  

बूढ़े लोगों की आबादी ज्‍यादा

चीन की आबादी का पांचवां हिस्सा 60 वर्ष या उससे अधिक आयु का है. इस संबंध में आधिकारिक आंकड़ा 31 करोड़ से अधिक का है जो कुल आबादी का करीब 22 फीसदी है.  वर्ष 2035 तक, यह संख्या 30 प्रतिशत से अधिक होने का अनुमान है, जिससे सरकारी सेवानिवृत्ति आयु में बदलाव की चर्चा शुरू हो गई है, जो दुनिया में सबसे कम है.  कम छात्रों वाले खाली पड़े कुछ स्कूलों और किंडरगार्टन को इस बीच वृद्ध लोगों के लिए देखभाल सुविधा केंद्रों में बदला जा रहा है. (एजेंसी इनपुट के साथ)

Trending news