2024 में अहमदिया समुदाय का हुआ था भारी उत्पीड़न, 2025 की शुरुआत में हो गया बड़ा कांड
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2024 में अहमदिया समुदाय का हुआ था भारी उत्पीड़न, 2025 की शुरुआत में हो गया बड़ा कांड

Pakistan News: जेएपी (JAP) ने बताया, ‘शुक्रवार रात को अधिकारियों ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया और अहमदिया लोगों को उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार से वंचित किया. ऐसा लगता है कि अहमदिया धार्मिक स्थल पर एक सुनियोजित हमला किया गया.’

2024 में अहमदिया समुदाय का हुआ था भारी उत्पीड़न, 2025 की शुरुआत में हो गया बड़ा कांड

Destruction of Ahmadi Worship Place: पाकिस्तान में कट्टरपंथियों की मनमानी का 'खुला खेल फर्रुखाबादी' जारी है. अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न करने और उनकी धार्मिक भावनाओं को लगातार ठेस पहुंचाई जा रही है. ताजा मामले की बात करें तो पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस और एक इस्लामी पार्टी के सदस्यों ने अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय के 80 साल पुराने पूजा स्थल को कथित तौर पर ध्वस्त कर दिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परेशान करने वाली ये घटना जुमे यानी शुक्रवार के दिन लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर सियालकोट के दसका कलां में घटी. जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (JAP) के मुताबिक स्थानीय प्रशासन ने धार्मिक कट्टरपंथियों के दबाव में अहमदिया पूजा स्थल को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. जेएपी ने बताया कि इस धार्मिक स्थल का निर्माण भारत के विभाजन से पहले पाकिस्तान आंदोलन के सदस्य और स्वतंत्र राष्ट्र के पहले विदेश मंत्री सर जफरुल्लाह खान द्वारा कराया गया था.

अहमदियों की खैर नहीं

जेएपी ने बताया, ‘शुक्रवार की रात को अधिकारियों ने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया और अहमदिया लोगों को उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार से वंचित किया. ऐसा लगता है कि अहमदिया धार्मिक स्थल पर एक सुनियोजित हमला किया गया.’

अहमदिया समुदाय के संगठन ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (Tehreek-e-Labbaik Pakistan) के सदस्यों ने अहमदिया धार्मिक स्थल को ध्वस्त किए जाने के दौरान धार्मिक नारे लगाए. उसने बताया कि पिछले साल अहमदिया समुदाय के 22 धार्मिक स्थलों को अपवित्र किया गया था. 

कब्रिस्तानों में तोड़-फोड़

पिछले साल सितंबर में पंजाब के विभिन्न हिस्सों में अहमदिया समुदाय के कब्रिस्तानों में भी तोड़-फोड़ की गई थी. पुलिस और टीएलपी के सदस्यों ने कब्रों पर लिखे पवित्र शिलालेखों पर काला रंग पोत दिया था. पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय को अक्सर उसकी धार्मिक मान्यताओं की वजह से निशाना बनाया जाता है. अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुसलमान मानते हैं, लेकिन 1974 में पाकिस्तान की संसद ने इस समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. गैर मुस्लिम घोषित किये जाने के एक दशक बाद उन्हें न केवल स्वयं को मुसलमान कहने पर प्रतिबंध लगा दिया गया, बल्कि इस्लाम के विभिन्न परपंराओं का पालन करने से भी रोक दिया गया था. (भाषा)

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