कुर्सी संभालते ही सख्त हुए ट्रंप, भारत पर बनाया हथियार खरीदने का दबाव, जानें वजह
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कुर्सी संभालते ही सख्त हुए ट्रंप, भारत पर बनाया हथियार खरीदने का दबाव, जानें वजह

US President Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कुर्सी संभालने के बाद से ही सख्त रवैये में हैं. एक के बाद एक बड़े फैसले ले रहे हैं, इस बार ट्रंप ने भारत पर हथियार खरीदने का दबाव बनाया है. 

कुर्सी संभालते ही सख्त हुए ट्रंप, भारत पर बनाया हथियार खरीदने का दबाव, जानें वजह

US President Donald Trump: सत्ता संभालने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कई बड़े फैसले ले रहे हैं. जिसकी दुनिया भर में काफी ज्यादा चर्चा है. अमेरिका को हर विभाग में मजबूत करने के लिए लगातार ट्रंप प्रयास कर रहे हैं. ऐसे ही खबर है कि ट्रंप भारत पर अमेरिकी हथियार खरीदने के दबाव बना रहे हैं. उन्होंने इसे लेकर पीएम नरेंद्र मोदी से बात भी की है. 

रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी पर हथियारों को खरीदने के लिए दबाव बनाया है. उन्होंने भारत से व्यापारिक संबंधों को संतुलित करने के लिए भी कहा है. अमेरिका के इस दबाव के पीछे की वजह क्या है इसे जानने की कोशिश करते हैं. 

भारत और अमेरिका व्यापारिक साझेदार हैं. अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर है. हालांकि अमेरिका के साथ भारत का कारोबार सरप्लस में है. यानी की भारत अमेरिका में अपना सामान बेचता ज्यादा है उससे खरीदता कम है. ऐसे में ट्रंप की मंशा है कि इसे संतुलित किया जाए और भारत को हथियार बेचकर व्यापारिक घाटे को कम किया जाए. 

व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान 
इसे लेकर व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि भारत को अमेरिका में बने हथियारों और रक्षा उपकरणों की खरीददारी बढ़ानी चाहिए और दोनों देशों के बीच एक निष्पक्ष व्यापार संबंधों का निर्माण होना चाहिए. वहीं नई दिल्ली में सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की सीनियर विजिटिंग फेलो रानी मुलेन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, कि "ट्रंप के कार्यकाल के दौरान भी द्विपक्षीय संबंधों के मजबूत रहने की संभावना है, फिर भी लेन-देन को लेकर राष्ट्रपति ट्रंप को भारत से कुछ रियायतें चाहिए होंगी."

दूसरा सबसे बड़ा साझेदार 
भारत के वाणिज्य मंत्रालय के रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जो चीन से थोड़ा पीछे है, भारत ने जनवरी और नवंबर 2024 के बीच वॉशिंगटन के साथ 35 बिलियन डॉलर का बिजनेस सरप्लस दर्ज किया है .इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है, कि अगर डॉलर को छोड़कर कोई वैकल्पिक करेंसी बनाने की कोशिश की गई, तो ब्रिक्स देशों के खिलाफ टैरिफ लगाए जाएंगे, जिसमें भारत भी शामिल है. बता दें कि BRICS देशों में भारत भी शामिल है. 

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