नई दिल्ली: Ahoi Ashtami 2023: हिंदू धर्म में करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. लेकिन एक व्रत माता के लिए भी होता है, जो संतान की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. इसे अहोई अष्टमी का व्रत कहा जाता है. इस साल यह व्रत 5 नवंबर को रखा जाएगा. माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं. यह व्रत कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है. यह निर्जला उपवास है. आइए जानते हैं इसका शुभ मुहूर्त और पूजा विधि.
पूजा का शुभ मुहूर्त
अहोई अष्टमी वाले दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट से 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. इस व्रत को तारों को देखने के बाद खोला जाता है. तारों को देखने का मुहूर्त शाम 5 बजकर 58 मिनट का है.
अहोई अष्टमी की पूजा विधि
अहोई अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठें, फिर स्नान करें. इसके निर्जला व्रत का संकल्प लेकर घर की दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं या मूर्ति स्थापित करें. साथ ही भगवान गणपति और कार्तिकेय की मूर्ति भी स्थापित करें. अहोई माता के साथ इनकी पूजा भी की जाती है. अहोई माता की पूजा शाम को की जाती है. शाम के समय घी का दीपक जलाकर हलवा-पूरी समेत अन्य मिठाइयों का भोग लगाएं. इसके बाद व्रत कथा का पाठ करें. फिर तारों को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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