नई दिल्लीः Ravidas Jayanti 2024: रविदास जयंती भक्ति आंदोलन के महान संत, कवि और समाज सुधारक गुरु रविदास के जन्मदिन पर मनाई जाती है. यह जयंती प्रत्येक वर्ष माघ पूर्णिमा को मनाई जाती है. आज यानी शनिवार 24 फरवरी को माघ पूर्णिमा और संत रविदास जयंती भी मनाया जा रही है. संत गुरु रविदास महान संत थे, जिन्होंने प्रेम और सौहार्द का पाठ पढ़ाया. इन्होंने अपनी शिक्षा और उपदेशों से लोगों के जीवन को समृद्ध बनाया. आइये जानते हैं, संत रविदास की जयंती के इतिहास और महत्व के बारे में:
रविदास जयंती का इतिहास
संत रविदास का जन्म 1377 में वाराणसी के पास सीर गोवर्धनपुर में हुआ था. वे भक्ति आंदोलन के प्रमुख संतों में से एक थे जिन्होंने जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाने का प्रयास किया. संत रविदास ने 40 रचनाएं लिखीं जो गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं. रविदास ने समाज में समानता और न्याय के लिए लड़ाई लड़ी. उनकी मृत्यु 1528 में हो गई.
रविदास जयंती महत्व
रविदास जयंती रविदास जयंती हमें जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाने और समानता का संदेश देने का मौका देती है. यह जयंती हमें समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने और समाज सुधार के लिए प्रेरित करती है. यह जयंती हमें भक्ति और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है.
रविदास जयंती उत्सव
रविदास जयंती के दिन संत रविदास की पूजा की जाती है. जगह-जगह शोभा यात्राएं निकाली जाती हैं. उनके भजनों का गायन किया जाता है. उनके जीवन और शिक्षाओं पर सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं. यह जयंती हमें समानता, न्याय, भक्ति और आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee bharat इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)