नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस साल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कथित रूप से मतदाताओं के नाम हटाए जाने के संबंध में सबूत जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
मतदाताओं के नामों को हटाने के आरोप
भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से 2022 यूपी विधानसभा चुनावों में मतदाताओं के नामों को हटाने के अपने आरोप को साबित करने के लिए दस्तावेजी सबूत पेश करने के लिए कहा है.
सपा अध्यक्ष ने अब पार्टी के सभी उम्मीदवारों (जीतने वाले और हारने वाले) और जिला इकाइयों के शीर्ष पदाधिकारियों से उन नामों के सबूत इकट्ठा करने को कहा है, जिनके नाम कथित रूप से मतदाताओं की सूची में गलत तरीके से काटे गए थे.
10 नवंबर तक सबूत पेश करने का मौका
पार्टी ने उम्मीदवारों के लिए पार्टी मुख्यालय में दस्तावेज जमा करने की समय सीमा 3 नवंबर निर्धारित की है. इस आशय का पत्र सभी को सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की ओर से भेजा गया है.
पत्र में ऐसे मतदाताओं से हलफनामा लेने के लिए भी कहा गया है, जिनके नाम गलत तरीके से मतदाता सूची से काट दिए गए थे. गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव से 10 नवंबर तक अपने आरोपों के समर्थन में सबूत पेश करने को कहा था.
हजारों मतदाता वोट देने से वंचित!
अखिलेश ने 28 अक्टूबर को कहा था, अगर चुनाव आयोग ने 2022 यूपी विधानसभा चुनाव में मतदाता सूची से संबंधित नियमों का पालन किया होता, तो हजारों मतदाता वोट देने से वंचित नहीं होते.
पिछले महीने सपा प्रमुख ने आरोप लगाया था कि फरवरी-मार्च में राज्य के चुनाव से पहले प्रदेश की लगभग सभी 403 विधानसभा क्षेत्रों से यादव और मुस्लिम समुदायों के 20 हजार मतदाताओं के नाम हटा दिए गए थे.
इसे भी पढ़ें- जानें क्या है डिजिटल रुपया जिसकी आज से शुरुआत करेगा RBI, कैश पर कैसे डालेगा असर
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.