नई दिल्ली:Mahesh Bhatt: फिल्म निर्माता महेश भट्ट का कहना है कि भाई-भतीजावाद की बहस अब खत्म हो चुकी है, और जो कोई भी इसे काले और सफेद रंग में देख रहा है, उसे यह महसूस करना चाहिए कि इसके बारे में बात करने का एक 'बचकाना' तरीका है. फिल्म इंडस्ट्री में भाई भतीजावाद को लेकर चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है, जब से शर्मिन सहगल को उनके मामा संजय लीला भंसाली ने हीरामंडी में कास्ट किया है.
महेश भट्ट ने कही बड़ी बात
निर्देशक महेश भट्ट ने हाल में टाइम्स ऑफ इंडिया से बात की और कहा कि भाई-भतीजावाद शब्द " बॉलीवुड को घुटनों पर लाने के लिए " इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कि जब से हीरामंडी आई है एक बार फिर से नेपोटिज्म पर बहस तेज हो गई है. दरअसल सीरीज में भंसाली ने अपनी भांजी को कास्ट किया है, जिनकी एक्टिंग लोगों को जरा भी पसंद नहीं आई है.
यंगस्टर्स को आकर्षित करता है शब्द
महेश भट्ट ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि "असंख्य शर्म के भूखे, प्रशंसा चाहने वाले युवा लोग हैं और इस तरह का लेबल उन्हें आकर्षित करता है." भट्ट की बेटी आलिया भट्ट को फिल्म निर्माता करण जौहर ने फिल्मों में लॉन्च किया था. उन पर भी नेपोटिज्म को बढ़ावा देने के आरोप लगते हैं.
करण के शो से हुई थी शुरुआत
साल 2017 में करण जौहर के चैट शो कॉफी विद करण से इस विवाद का जन्म हुआ था. शो में एक्ट्रेस कंगना रनौत ने फिल्म निर्माता पर नेपोटिज्म को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था. इस शब्द का प्रभाव लोगों पर पढ़ा कि इसने खुद को बॉलीवुड में स्थापित कर लिया. कई बाहरी लोगों ने इंडस्ट्री के गुटों और स्टार किड्स का पक्ष लेने पर अपनी चिंता भी जताई.
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