मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे गिरफ्तार, NSE फोन टैपिंग केस में ED ने की कार्रवाई

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) कर्मचारियों की कथित अवैध फोन टैपिंग से जुड़े धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 19, 2022, 10:15 PM IST
  • सात घंटे से ज्यादा देर तक हुई पूछताछ
  • एनएसई की सीईओ भी हुई थीं गिरफ्तार
 मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे गिरफ्तार, NSE फोन टैपिंग केस में ED ने की कार्रवाई

नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त संजय पांडे को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) कर्मचारियों की कथित अवैध फोन टैपिंग से जुड़े धनशोधन के एक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. यह जानकारी अधिकारियों ने दी. 

सात घंटे से ज्यादा देर तक हुई पूछताछ
केंद्रीय जांच एजेंसी ने 1986 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के सेवानिवृत्त अधिकारी को मामले में सात घंटे से अधिक समय की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया. मंगलवार को उनसे पूछताछ का लगातार दूसरा दिन था. 

 

एनएसई की सीईओ भी हुई थीं अरेस्ट
प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले हफ्ते इस मामले में एनएसई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चित्रा रामकृष्ण को गिरफ्तार किया था. पांडे 30 जून को सेवा से सेवानिवृत्त हुए थे. 

मुंबई के पुलिस आयुक्त के रूप में अपने चार महीने के कार्यकाल से पहले, पांडे ने महाराष्ट्र के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्य किया. 

ईडी और सीबीआई ने दर्ज की है प्राथमिकी
पांडे ईडी और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो की प्राथमिकियों का सामना कर रहे हैं, जो आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा एनएसई कर्मचारियों के फोन की अवैध टैपिंग और एनएसई के सिस्टम ऑडिट करने में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के दिशानिर्देशों के उल्लंघन को लेकर है. आईएसईसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पांडे की ओर से शुरू की गई एक कंपनी है.

2001 में पुलिस सेवा से दिया था इस्तीफा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संजय पांडे ने साल 2001 में पुलिस सेवा से इस्तीफा दिया था. हालांकि, उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था. इसके बाद उन्होंने एक आईटी कंपनी की शुरुआती की थी. लेकिन, कुछ समय बाद पुलिस सेवा दोबारा ज्वाइन कर ली थी. वहीं, अपने बेटे को कंपनी का डायरेक्टर बना दिया था. 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2010 से 2015 के बीच आईजेक सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को एनएसई सर्वर और सिस्टम सिक्योरिटी से जुड़ा ठेका दिया गया था. इसी केस में मनी लॉन्ड्रिंग किए जाने के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय की टीम उनसे पूछताछ कर रही है.

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