भारत को ट्रंप देंगे ये खतरनाक हथियार, कैसे गेमचेंजर हो सकता है 'स्ट्राइकर'?

INDIA-US Stryker Deal: जनरल डायनेमिक्स द्वारा निर्मित स्ट्राइकर को पिछले सितंबर-अक्टूबर में लद्दाख की उच्च ऊंचाई वाली स्थितियों में टेस्ट किया गया था.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Feb 6, 2025, 02:35 PM IST
भारत को ट्रंप देंगे ये खतरनाक हथियार, कैसे गेमचेंजर हो सकता है 'स्ट्राइकर'?

PM Narendra Modi to meet donald trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए इस बयान के बैकग्राउंड में कि भारत उनसे और अधिक सैन्य उपकरण खरीदेगा और अगले सप्ताह मोदी की वाशिंगटन डीसी की आगामी यात्रा के बीच, पाइपलाइन में कई रक्षा सौदे फोकस में हैं. उनमें सबसे खास इंफेट्री कॉबेट वेहिक्ल स्ट्राइकर के सह-उत्पादन का सौदा भी शामिल है. बताया गया कि भारतीय सेना के लिए स्ट्राइकर को उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ले जाया गया और इसका टेस्ट किया गया, जहां अब बातचीत आगे बढ़ रही है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जनरल डायनेमिक्स द्वारा निर्मित स्ट्राइकर का पिछले सितंबर-अक्टूबर में लद्दाख की उच्च ऊंचाई वाली स्थितियों में टेस्ट किया गया है और रिपोर्ट को आगे सेना मुख्यालय के साथ साझा किया गया है. THE HINDU ने दो सूत्रों के हवाले से बताया कि वाहनों को 13,000 से 18,000 फीट की ऊंचाई वाली स्थितियों में टेस्ट किया गया, जिसमें जैवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) का परीक्षण भी देखा गया. बताया गया कि कुछ कमियों को देखते हुए पिछले महीने एक जानकारी भेजी गई थी और अब किसी भी समय फिर से परीक्षण का इंतजार है.

टेस्ट में पास या फेल?
स्ट्राइकर ने अपने डबल-वी हॉल के साथ बेहतरीन प्रदर्शन किया, साथ ही बताया गया कि जेवलिन का प्रदर्शन बेहतरीन स्तर पर नहीं था, जो कि भेजी गई प्रणाली की पुरानी शैली के कारण था और दोबारा परीक्षण से इसकी पुष्टि होने की उम्मीद है. एक अन्य जानकारी में बताया गया कि भारत ने पहले ही अमेरिकी पक्ष को जेवलिन के दोबारा टेस्टिंग के लिए एक पत्र भेजा है और कार्यक्रम पर काम किया जा रहा है.

कई रक्षा अधिकारियों ने बताया कि भारतीय सेना ने पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों पर लगाए जाने वाले ATGMs की एक प्रमुख आवश्यकता को पहचाना है. हालांकि, जेवलिन एटीजीएम के साथ स्ट्राइकर संस्करण का विकास किया जा रहा है और निकट भविष्य में भारत में इसका प्रदर्शन किए जाने की उम्मीद है.

भारत में असेंबलिंग
वहीं, योजना दो चरणों में कुछ सौ वाहनों की खरीद है. पहले चरण में कम संख्या में स्ट्राइकर का सीधा आयात और उनमें से अधिकांश का लाइसेंस निर्माण, कुछ कस्टमाइजेशन के साथ, संभवतः रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) द्वारा भारत में किया जाएगा.

स्ट्राइकर के अलावा क्या?
मोदी की अमेरिकी यात्रा के दौरान स्ट्राइकर सौदे के साथ-साथ भारत में जनरल इलेक्ट्रिक एफ-414 जेट इंजन के लाइसेंस निर्माण के सौदे और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA)-एमके1ए के लिए एफ-404 इंजन की डिलीवरी में लंबे विलंब के मुद्दे पर भी चर्चा होने की उम्मीद है, जिसके कारण डिलीवरी में देरी हुई है.

जून 2024 में, तत्कालीन अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट एम. कैंपबेल ने कहा था कि भारत ने इंफेट्री कॉबेट वेहिक्ल स्ट्राइकर के सह-उत्पादन में रुचि व्यक्त की है और दोनों देश स्ट्राइकर और जेवलिन एटीजीएम पर बातचीत के अपेक्षाकृत शुरुआती चरण में हैं. हालांकि, कुछ रक्षा अधिकारियों ने स्ट्राइकर के लिए जाने पर संदेह व्यक्त किया है, क्योंकि हाल के वर्षों में भारतीय कंपनियों द्वारा कई ऐसे वाहन विकसित और प्रदर्शित किए गए हैं.

स्ट्राइकर की खासियत
स्ट्राइकर को ऊंचे क्षेत्रों में तैनात किया जाता है. स्ट्राइकर मैदानी, रेगिस्तानी और उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बेहतरीन प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं. इंफेट्री कॉबेट वेहिक्ल स्ट्राइकर के कई वेरिएंट होते हैं, जैसे एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल कैरिय, मोबाइल गन सिस्टम.

स्ट्राइकर में  8 व्हील ड्राइव होते हैं. इसकी रेंज लगभग 500 किलोमीटर की है. इसकी स्पीड 100 किलोमीटर प्रति घंटा है. यह लैंडमाइन, IED से भी सुरक्षा प्रदान कर सकता है.

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