नई दिल्ली: 2023-2024 के लिए देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. जाहिर है उनके पिटारों में बहुत कुछ होगा, कुछ वादे होंगे, कुछ इरादे भी होंगे, कुछ सपनें होंगे, तो कुछ प्लान भी होंगे, लेकिन बजट पेश करने से पहले पब्लिक की उम्मीदों के बारे में इस बार खास ख्याल रखने की कोशिश होगी. महिलाओं की अलग आस है, कारोबारियों की अलग, नौकरी पेशा काफी वर्षों से उम्मीद पाल रखे हैं और छात्रों की अलग ही समस्या है.
महिलाओं की गुहार, सुन लीजिए सरकार
महिलाओं की मांग है कि 'गैस के दाम बढ़ गए हैं, तो उस पर गवर्नमेंट को ध्यान देना चाहिए. महिला को प्रॉपर्टी के लिए कोई एक्सएम्पशंस देने चाहिए. महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप चला सके, उसके लिए कोई प्रोविजन करना चाहिए.'
नौकरी पेशा ने भी बड़ी उम्मीदें पाल रखी हैं. अगले साल चुनाव है. हो सकता है इसी बहाने उनका भी भला हो जाए. बस इतनी सी ख्वाहिश है कि टैक्स स्लैब तो बढ़ा दी जाए. कारोबार जगत की भी कुछ समस्याएं हैं, उन्हें टैक्स से थोड़ी बड़ी राहत चाहिए.
'कई उद्देश्यों को संभालने की एक प्रक्रिया है बजट'
बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, 'बजट कई उद्देश्यों को संभालने की एक प्रक्रिया है, जैसे राजकोषीय सूझबूझ, महंगाई के बिना आर्थिक, गैर-कर स्रोतों से अधिक संसाधन जुटाना और जरूरत के अनुसार रियायतें देना.'
उन्होंने कहा, 'चूंकि ये सभी चीजें अलग-अलग हैं, इसलिए वित्त मंत्री सभी मोर्चों पर निर्णायक रूप से आगे बढ़ने के लिए सूझबूझ के साथ कदम उठाएंगी.'
वेतनभोगियों और व्यापारियों के लिए खुलेगा पिटारा?
आम चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट होने के कारण सीतारमण वेतनभोगियों और छोटे व्यापारियों को आयकर में राहत दे सकती हैं. आम आदमी को आवासीय संपत्तियां खरीदने के लिए प्रेरित करने और रियल एस्टेट क्षेत्र को गति प्रदान करने के लिए आवास ऋण में छूट सीमा बढ़ाने की मांग भी की जा रही है. देश में रोजगार देने के मामले में कृषि के बाद दूसरे स्थान पर रियल एस्टेट ही है.
एंड्रोमेडा लोन्स एंड अपनापैसा के कार्यकारी चेयरमैन वी. स्वामीनाथन ने कहा, 'आगामी बजट में सरकार कर्ज लेने वालों को राहत देने के लिए फैसले ले सकती है. उम्मीद है कि सरकार आवास ऋण ब्याज पर कटौती सीमा को दो लाख से तीन लाख करने की लंबे समय से लंबित मांग पर विचार करेगी.'
वेतनभोगियों को राहत देने के संबंध में टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी के भागीदार विवेक जालान ने कहा कि व्यक्तिगत कर दरें तत्काल कम करने की जरूरत हो गई है.
देश के छात्रों को इस साल के बजट से क्या है उम्मीदें?
पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया.. इस बार सरकार बजट 2023 में छात्रों का भी ख्याल रखने की कोशिश करेगी. छात्रों की चाहत भी काफी छोटी सी होगी है कि थोड़ी स्कूल फी में कमी हो जाए, थोड़ी कॉपी किताब के दाम कम हो जाए.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक फरवरी को पेश होने वाले अंतिम पूर्ण बजट से आम आदमी से लेकर सभी को काफी उम्मीदें हैं. लोग यह उम्मीद कर रहे हैं, बजट उनकी उम्मीदों के अनुरूप होगा. सीतारमण का यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम पूर्ण बजट है.
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