अब चलते चलते ही चार्ज हो सकेंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां, मेरठ के छात्रों ने किया आविष्कार

एमआईईटी के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के सागर कुमार और रोहित राजभर ने एक ऐसा अविष्कार किया है, जो चलती इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करता रहेगा. इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों के डिस्चार्ज होने की समस्या दूर होगी और कहीं रास्ते पर फंसने का डर भी नहीं रहेगा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 19, 2022, 01:23 PM IST
  • चलते चलते चार्ज होगी ई-गाड़ियां
  • मेरठ के युवाओं का आविष्कार
अब चलते चलते ही चार्ज हो सकेंगी इलेक्ट्रिक गाड़ियां, मेरठ के छात्रों ने किया आविष्कार

नई दिल्ली. जल्द ही बिजली से चार्ज होने वाली गाड़ियों के जरिए भी लंबी दूरियां तय की जा सकेंगी. दरअसल एमआईईटी के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर द्वारा एक ऐसा अनोखा आविष्कार किया गया है जिससे गाड़ियां चलते वक्त भी चार्ज होती रहेंगी. 

दूर होगी डिस्चार्ज होने की दिक्कत

एमआईईटी के अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर के सागर कुमार और रोहित राजभर ने एक ऐसा अविष्कार किया है, जो चलती इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करता रहेगा. इससे इलेक्ट्रिक गाड़ियों के डिस्चार्ज होने की समस्या दूर होगी और कहीं रास्ते पर फंसने का डर भी नहीं रहेगा. इस सुविधा के बाद डीजल और पेट्रोल गाड़ियों की तरह ही अब इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी लंबी दूरियां तय कर सकेगी. 

मेरठ के हैं दोनों ही छात्र

उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के एमआईईटी कालेज के दो छात्रों सागर और रोहित ने मिलकर वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग सिस्टम बनाया है, जो कि गाड़ी को चलते-चलते चार्ज करने में मदद करेगा. उन्होंने बताया कि हमने देखा कि पर्यावरण को बचाने के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियां तो सड़कों पर चल रही है. 

लेकिन चार्जिग स्टेशन सीमित होने के कारण लंबी दूरियां नहीं तय कर पाती हैं. इससे लोगों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वायरलेस इलेक्ट्रिक व्हीकल्स चार्जिंग सिस्टम बनाया है, जो चलती गाड़ी को चार्ज करता रहेगा. 

कैसे काम करेगा यह सिस्टम

सागर ने बताया कि इस सिस्टम के तहत सड़क के किनारे एक टॉवर बनाया जाएगा, जो करेंट को गाड़ियों तक भेजने का काम करेगा. गाड़ी में एक रिसवर रखा होगा। टॉवर के रेंज में गाड़ी के आते ही उसकी बैटरी चार्ज होने लगेगी. रिसीवर डिवाइस का गाड़ी के पास लगा होना जरूरी है. अभी यह प्रोटोटाइप का है. अभी इसकी रेंज बहुत कम है, लेकिन इसकी स्पीड को बढ़ाने पर काम हो रहा है. यह ठीक वायरलेस मोबाइल चार्जर की तरह है. 

उन्होंने बताया कि सड़क किनारे लगा टावर गाड़ियों में लगे रिसिवर को करेंट देगा. रिसीवर से बैट्री चार्ज होगी. ज्यादा दूरी में अच्छा काम करेगा. इसका प्रपोजल नीति आयोग भेजा गया है. नीति आयोग ने 20 हजार रुपए की मदद भी की है. 

मदद मिलने से बढ़ा उत्साह

दोनों छात्रों ने बताया कि, वायरलेस व्हीकल चार्जिंग का आईडिया काफी पहले हम लोगों ने सोचा था. लेकिन कोई मदद न मिलने की वजह से यह हम लोगों को यह काम करने में काफी मुश्किल हो रही थी. लेकिन अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर में संपर्क किया तो हमारा प्रोजेक्ट सेलेक्ट हो गया और हमें प्रोटोटाईप बनाने के लिए फंड और लैब मिल गई, जिससे यह काम आसानी से हो रहा है. 

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