इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के निधन की खबर की पुष्टि होने के बाद विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने रविवार को अपने ट्विटर एकाउंट की प्रोफाइल तस्वीर बदलकर वहां अपनी मां बेनजीर भुट्टो और दिवंगत नवाब अकबर बुगती की तस्वीर लगा दी. इन दोनों की हत्या में पूर्व सैन्य शासक जनरल मुशर्रफ का नाम उछला था.
मुशर्रफ के निधन के बाद बिलवाल ने शेयर की ये तस्वीर
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल ने अपनी मां की चार तस्वीरें भी साझा कीं और कैप्शन में लिखा, ‘‘तू जिंदा रहेगी बेनजीर.’’ एक समय बेनजीर भुट्टो पीपीपी का नेतृत्व करती थीं. मुशर्रफ के निधन पर विदेश मंत्री का कोई औपचारिक शोक संदेश नहीं आया है. उनकी बहन आसिफा भुट्टो जरदारी ने भी अपनी मां की वही तस्वीरें उसी कैप्शन के साथ पोस्ट कीं.
तस्वीरों में से एक में बेनजीर के लिए न्याय की मांग करती एक छोटी सी कविता भी है. दिसंबर 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के दौरान बंदूक से संचालित एक ग्रेनेड हमले में बेनजीर की मौत हो गई थी. उन्होंने मुशर्रफ से टिंटेड खिड़कियां, जैमर, निजी गार्ड और अतिरिक्त पुलिस वाहन सहित व्यापक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था, लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति मुशर्रफ ने अधिक सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था. वर्ष 2006 में मुशर्रफ के आदेश पर शुरू किए गए एक सैन्य अभियान के दौरान पूर्व कनिष्ठ आंतरिक मंत्री और बलूचिस्तान के गवर्नर नवाब अकबर बुगती तथा उनके दो दर्जन से अधिक कबायली मारे गए थे, जिससे अशांत बलूच क्षेत्र में व्यापक अशांति और बलूच राष्ट्रवाद में बढोतरी हुई थी.
मुशर्रफ के कार्यकाल में नवाज शरीफ को सुनाई गई थी निर्वासन की सजा
जब मुशर्रफ पांच वर्ष के स्व-निर्वासन के बाद मार्च 2013 में चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान लौटे थे, तब उन्हें विभिन्न मामलों में अदालत में घसीटा गया था. इन मामलों में 2007 में बेनजीर भुट्टो और नवाब अकबर बुगती की हत्या भी शामिल थी. मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को 1999 में एक रक्तहीन तख्तापलट के दौरान अपदस्थ कर दिया था. मुशर्रफ के ही कार्यकाल में एक अदालत ने नवाज शरीफ को आजीवन कारावास सुनाई थी. बाद में, सऊदी अरब के हस्तक्षेप पर नवाज शरीफ को निर्वासित कर दिया गया था. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने, हालांकि पूर्व राष्ट्रपति जनरल मुशर्रफ के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और ‘मृतक की मुक्ति’ के लिए प्रार्थना की. वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के सूत्रधार रहे जनरल मुशर्रफ (79) का लंबी बीमारी के बाद रविवार को दुबई में निधन हो गया.
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