नई दिल्लीः विश्व परिक्रमा पर निकली भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारियों का सामना समुद्र में लगातार बारिश, 75 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही तेज हवाओं और 5 मीटर से अधिक ऊंची समुद्री लहरों से हुआ. इन सभी बाधाओं को पार करते हुए भारतीय नौसेना की लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए. ने दक्षिण अमेरिका के दक्षिणी सिरे पर स्थित केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार कर लिया है.
ऐसा करके भारतीय नौसेना की इन महिला अधिकारियों ने कीर्तिमान स्थापित करते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज कराया. लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा आईएनएसवी तारिणी नौका पर 'नाविक सागर परिक्रमा द्वितीय' अभियान पर हैं.
नाविकों के लिए जोखिम भरा है यह जलमार्ग
समुद्र का यह रास्ता नाविकों को ड्रेक मार्ग से होकर ले जाता है, जो एक जोखिम भरा जलमार्ग है. यह समुद्री मार्ग अपनी अत्यधिक हवाओं, ऊंची लहरों और अप्रत्याशित मौसम के लिए जाना जाता है. इस क्षेत्र के हालात सबसे अनुभवी नाविकों की भी कड़ी परीक्षा लेते हैं. यही कारण है कि इस क्षेत्र से की जाने वाली यात्रा नाविकों के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है. वहीं सफल होने पर यह यात्रा महत्वपूर्ण उपलब्धि बन जाती है.
दोनों को मिली 'केप हॉर्नर्स' की सम्मानित उपाधि
ड्रेक पैसेज का नाम अंग्रेजी खोजकर्ता सर फ्रांसिस ड्रेक के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने दक्षिण अमेरिका के दक्षिण में एक खुले समुद्री मार्ग के अस्तित्व की पुष्टि की थी. इन विकट जलधाराओं का सामना करने के बाद अब लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ने 'केप हॉर्नर्स' की सम्मानित उपाधि अर्जित कर ली है. यह पदनाम परंपरागत रूप से नाविकों के विशिष्ट समूह को दिया जाता है, जिन्होंने केप हॉर्न को सफलतापूर्वक पार किया है.
केप हॉर्न अंटार्कटिका से केवल 800 किमी (432 समुद्री मील) की दूरी पर स्थित है. इसकी यह दूरी इसे बर्फीले महाद्वीप अंटार्कटिका के सबसे निकटतम लैंड प्वाइंट में से एक बनाती है. इस क्षेत्र के माध्यम से यात्रा के लिए असाधारण नौवहन विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है. इसके साथ ही दक्षिणी महासागर की कठोर परिस्थितियों से निपटने के लिए अत्यधिक साहस की भी आवश्यकता है.
मई में गोवा लौटेंगी दोनों महिला अधिकारी
भारतीय नौसेना की महिला कमांडर सागर परिक्रमा जैसे महत्वपूर्ण मिशन पर हैं. दोनों अधिकारी भारतीय नौसेना के पोत तारिणी पर अभियान पूरा कर रही हैं. नौसेना की इन दोनों महिला अधिकारियों ने 2 अक्टूबर 2024 को गोवा से समुद्र मार्ग के जरिए विश्व भ्रमण के चुनौतीपूर्ण अभियान की शुरुआत की थी. दोनों करीब आठ महीने की अवधि में 21,600 समुद्री मील की दूरी तय की करेंगी. दोनों महिला अधिकारी मई 2025 में गोवा वापस लौटेंगी.
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