नई दिल्ली: F 35 VS SU 57 Comparison: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के दौर पर रहते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात की. चर्चा के बाद दोनों दिग्गज नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका, भारत देश को F-35 फाइटर जेट स्टील्थ फाइटर मुहैया कराएगा. अब भारत के सामने असमंजस की स्थिति इसलिए पैदा हो गई है, क्योंकि रूस भी चाहता है कि भारत उससे स्टील्थ फाइटर जेट SU-57 खरीदे. SU-57 (रूस) और F-35 (यूएसए) दोनों ही पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमान हैं, हालांकि इनकी डिजाइन और क्षमताएं अलग हैं.
F-35 (अमेरिका) के फायदे और नुकसान
फायदे: F-35 में अत्याधुनिक सेंसर, स्टील्थ क्षमता, और डेटा फ्यूजन तकनीक है. यह हवा-से-हवा में लड़ाई, हवा-से-जमीन पर हमले करने में सक्षम है. इसकी टॉप स्पीड 1,931 किमी/घंटा है. इस जेट की स्टील्थ क्षमताएं इसे दुश्मन के रडार सिस्टम से कुछ हद तक छिपाने में भी मदद करती हैं. इसके तीन प्रकार हैं- F-35A, F-35B और F-35C. ये डील होने पर अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग में वृद्धि हो सकती है.
नुकसान: F-35 की खरीद और रखरखाव की लागत काफी अधिक है. अमेरिका F-35 की तकनीक भारत को शायद ही दे, इसे भारत के अंदर बनाना मुश्किल है. भारत को अमेरिका पर स्पेयर पार्ट्स और सर्विसिंग के लिए निर्भर रहना होगा.
SU-57 (रूस) के फायदे और नुकसान
फायदे: रूस ने भारत के साथ मिलकर SU-57 का निर्माण करने की पेशकश की है, इसका निर्माण भारत 'मेक इन इंडिया' के तहत कर सकता है. SU-57 की लागत F-35 के मुकाबले कम हो सकती है. SU-57 की स्टील्थ क्षमता इसे मजबूत विकल्प बनाती है. रूस से पहले से चली आ रही रक्षा सहयोग के बढ़ने का अनुमान
नुकसान: रूसी फाइटर जेट्स को पश्चिमी विमानों के मुकाबले युद्ध में कम इस्तेमाल किया जाता है.
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