नई दिल्ली: Operation Thunderbolt Story: दुनिया में कई ऐसे सीक्रेट ऑपरेशन हुए हैं, जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गए. ऐसा ही ऑपरेशन इजरायल ने किया था, जिसमें वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भाई भी शहीद हो गए थे. इसे ऑपरेशन थंडरबोल्ट या ऑपरेशन एन्तेबे कहा जाता है. चलिए, इसकी कहानी जानते हैं...
जब विमान हाइजैक हुआ
27 जून, 1976 को एयर फ्रांस की फ्लाइट 139, तेल अवीव से पेरिस जा रही थी. ये एथेंस में रुकी, तभी चार आतंकवादियों ने विमान को हाइजैक कर लिया. इनमें से दो जर्मन (विल्फ्रेड बोएस और ब्रिगिट कुहमन) और दो फिलिस्तीनी (जयहाद वावरी और फहद अब्देल-रहिम) आतंकी थे. विमान में 102 के आसपास लोग थे. हाइजैक के बाद विमान को पहले लीबिया के बेनगाजी में ले जाया गया. यहां इसमें फ्यूल भराया गया, फिर युगांडा के एन्तेबे हवाई अड्डे पर लैंड कराया गया. तब युगांडा के तत्कालीन तानाशाह ईदी अमीन ने हाईजैकर्स की मदद की थी.
हैईजैकर्स की मांग क्या थी?
दरअसल, आतंकवादी इजरायल, केन्या, पश्चिम जर्मनी और फ्रांस में बंद 53 आतंकवादियों को रिहा करने की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे हाइजैक प्लेन को तभी छोड़ेंगे, जब आतंकी रिहा किए जाएंगे.
हाईजैकेर्स के टारगेट पर केवल इजरायली
इजरायल ने अपने देश के नागरिकों को बचाने के लिए एक सीक्रेट प्लान बनाया. इजरायल ने युगांडा के इदी अमीन को लालच दिया कि वह सभी यात्रियों को छोड़ दें तो उसे नोबेल प्राइज का सम्मान दिलवा दिया जाएगा. लेकिन अमीन ने ये ऑफर ठुकरा दिया. इस बीच हाईजैकर्स ने सभी बंदियों को दो हिस्सों में बांट दिया.यहूदियों को अलग और बाकी सबको अलग कर दिया. फिर उन्होंने गैर-यहूदियों को छोड़ना शुरू कर दिया. इससे स्पष्ट हो गया था कु हाईजैकर्स के निशाने पर केवल इजरायल है.
ऐसे ऑपरेशन को दिया अंजाम
इजरायल की खुफिया एजेंसी ने प्लान बनाया. 200 जवानों को फ्लाइट में एन्तेबे भेजा गया. प्लेन को न सिर्फ दुश्मनों के रडार से बचाया गया, बल्कि हवा में फ्यूल भी भरा गया. डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद इजरायली सैनिकों ने उस जगह पर धावा बोला दिया, जहां बंदियों को रखा गया था. इजरायली सैनिकों ने सभी हाईजैकर्स को मार दिया. इस ऑपरेशन में युगांडा के कई सैनिक भी मारे गए. लेकिन विमान के यात्रियों की जान बचा ली गई.
नेतन्याहू के भाई शहीद हुए
इस पूरे मिशन में इजरायल का केवल एक सैनिक मारा गया था. इस सैनिक का नाम योनातन नेतन्याहू था, जो इजरायल के वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का भाई था. जब योनातन शहीद हुए, तब उनकी उम्र 30 साल थी. ऑपरेशन में तीन बंधक भी मारे गए थे. इस ऑपरेशन पर कई फिल्में और डॉक्युमेंट्री भी बनीं, इनमें 'रेड ऑन एन्तेबे' (1977) काफी फेमस है.
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