बांग्लादेश से 55 साल पुराना बदला निकालेगा पाक, आउट हुआ ISI का खतरनाक प्लान!

 ISI in Bangladesh: पाकिस्तान की इंटेलिजेंस एजेंसी ISI बांग्लादेश में सक्रिय है. अवामी लीग पार्टी के नेताओं का कहना है कि ISI बांग्लादेश की सरकार में जिहादियों की घुसपैठ करवाना चाह रही है. यूनुस सरकार आने के बाद बांग्लादेश का पाक की ओर झुकाव है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 9, 2025, 11:35 AM IST
  • बांग्लादेश में ISI सक्रिय हुई
  • आवामी लीग के नेता चिंतित
बांग्लादेश से 55 साल पुराना बदला निकालेगा पाक, आउट हुआ ISI का खतरनाक प्लान!

नई दिल्ली: ISI in Bangladesh: बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पाकिस्तान की ओर रुझान स्पष्ट है. पाक और बांग्लादेश एक दौर में जानी दुश्मन हुआ करते थे. लेकिन अब दोनों के बीच की यारी तेजी से बढ़ती जा रही है. पाक की खुफिया एजेंसी ISI बांग्लादेश में सक्रिय हो रही है. यहां पर  इस्लामी कट्टरपंथियों की मौजूदगी भी बढ़ रही है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ISI बांग्लादेश का लोकतांत्रिक ढांचा खत्म करने में लगी हुई है.

बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ रहा
बांग्लादेश में सत्ताधारी पार्टी रह चुकी अवामी लीग के वरिष्ठ नेता बहाउद्दीन नसीम ने ये चिंता जताई है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों का प्रभाव बढ़ रहा है. नसीम ने द संडे गार्डियन को बताया- 'पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के समर्थित कट्टरपंथी और चरमपंथी समूह बांग्लादेश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और धर्मनिरपेक्ष माहौल खत्म करने में लगे हुए हैं.'

ISI पर लगाए बड़े आरोप
आवामी लीग के नेता नसीम ने दावा किया कि 5 अगस्त की घटना (जब हसीना सरकार गिरी) होने के बाद जिहादियों और कट्टरपंथियों को मुख्यधारा में लौटने का मौका मिल गया है. नसीम ने ये तक कह दिया कि ISI बांग्लादेश में पर्दे के पीछे से खेल कर रही है. ये देश में इस्लामी कट्टरपंथियों को आसरा देने का काम कर रही है.

1971 की हार का बदला ले रही ISI
नसीम ने बताया कि पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में सामान बांग्लादेश आ रहा है. नसीम का दावा है कि 1971 में पाकिस्तान की हार हुई, जिसका अब ISI बदला लेना चाहती है. ISI जिहादियों के साथ बांग्लादेश की सरकार में घुसपैठ कर रही है. बता दें कि 1971 में पाकिस्तान और बांग्लादेश का बंटवारा हुआ था.

यूनुस महज चेहरा, असल खेल पाक कर रहा
अवामी लीग के एक अन्य नेता और केंद्रीय कार्यकारी समिति के सदस्य मोहम्मद ए. अराफात ने बताया, 'जमात का मुख्यालय पाकिस्तान के लाहौर में है. इन्होंने ही साल 1971 में पाकिस्तान का समर्थन किया. मुहम्मद यूनुस महज एक चेहरा हैं, असल में तो पाकिस्तान से जुड़े आतंकी और जिहादी संगठन देश में अराजकता पैदा कर रहे हैं.'

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