नई दिल्ली: पाकिस्तान की एक जिला अदालत के न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि इमरान खान अदालत में आत्मसमर्पण कर देते हैं तो वह इस्लामाबाद पुलिस को भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री को गिरफ्तार करने से रोक देंगे. अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसी) के मामले की सुनवाई के दौरान यह बात कही.
कम हो सकती हैं इमरान खान की मुश्किलें..
इस मामले में तोशखाना सौगातों का ब्योरा छिपाने को लेकर पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही चलाने की दरख्वास्त की गयी है. न्यायाधीश इकबाल ने 70 वर्षीय खान के खिलाफ 28 फरवरी को गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और इस्लामाबाद पुलिस को 18 मार्च को उन्हें अदालत में लाने का निर्देश दिया था.
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि अदालत से कोई भी राहत मांगने से पहले खान को बिना शर्त आत्मसमर्पण करना चाहिए. खान के वकील ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार हलफनामा देकर कहा कि उनके मुवक्किल 18 मार्च को अदालत में पेश होंगे. न्यायाधीश ने कहा कि यदि पूर्व प्रधानमंत्री मौजूद नहीं हैं तो हलफनामे का क्या मतलब है.
'हम चाहते हैं कि इमरान अदालत आयें'
उन्होंने कहा, 'हम चाहते हैं कि इमरान अदालत आयें. वह क्यों नहीं आ रहे हैं? कारण क्या है? इमरान खान को पुलिस के साथ असहयोग नहीं बल्कि कानूनन सहयोग करना ही होगा. ' खान के वकील खवाजा हैरिस ने स्पष्ट किया कि वह 18 मार्च को अदालत में पेश होने के संबंध में हलफनामा देना चाहते हैं. इसपर न्यायाधीश ने कहा कि यदि खान अदालत में आत्मसमर्पण करते हैं तो वह इस्लामाबाद पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक देंगे.
अदालत ने कहा, 'कानूनन, इमरान को सीधे अदालत में लाया जाना चाहिए था.... अदालत में पेशी के दौरान उन्हें परेशान किया जाना संभव ही नहीं होता.' न्यायाधीश ने कहा कि यदि खान अदालत में पेश होते तो उनके निवास के बाहर पुलिस को बैठे रहने की जरूरत नहीं होती है और गरीब देश होने के नाते पाकिस्तान ऐसे मामलों में अपने संसाधनों का व्यय नहीं झेल सकता.
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