Gyanvapi Mosque case: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट ने हिन्दू पक्षों के द्वारा दायर पिटीशन पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा औ मस्जिद के अंदर मौजूद सील 'वज़ुखाना' क्षेत्र का ASI सर्वे करने के लिए मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी और एएसआई (ASI) को निर्देश भी जारी किए.
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Gyanvapi Mosque case: ज्ञानवापी मस्जिद विवाद मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के अंदर मौजूद सील 'वज़ुखाना' क्षेत्र का ASI सर्वे करने के लिए ज्ञानवापी मस्जिद मैनेजमेंट कमेटी और एएसआई (ASI) को निर्देश जारी किए. साथ ही जस्टिस सूर्यकांत ( Justice Suryakant ) और उज्ज्वल भुइयां ( Ujjal Bhuyan ) की बेंच ने हिन्दू पक्षों के द्वारा दायर पिटीशन पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है.
हिन्दू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे सीनियर वकील श्याम दीवान और वकील विष्णु शंकर जैन ने बेंच तो बताया कि उन्होंने सभी मुकदमों को Consolidated करने और उन्हें वाराणसी जिला अदालत से इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रान्सफर करने के लिए एक पिटीशन दायर किया है. हालांकि, वह एप्लिकेशन आज लिस्टेड नहीं थी.
हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा, “हिंदू पक्ष द्वारा यह मामला सुप्रीम कोर्ट में ले जाया गया है. वजू खाना में शिवलिंग का अभी-भी ASI सर्वेक्षण नहीं हुआ है. इससे यह साफ हो सके कि यह शिवलिंग है या फव्वारा. मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह फव्वारा है. ASI का सर्वे हुआ, जिसमें ज्ञानवापी के 12 तहखानों में से 8 तहखानों की ASI सर्वे नहीं हो पाया. इसके साथ ही मस्जिद की मेन गुंबद के नीचे जो ज्योतिर्लिंग है, उसका भी सर्वे नहीं हो पाया है. इसी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई थी. इसमें मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी किया गया है. मुस्लिम पक्ष को साफ कहा गया है कि वो दो सप्ताह के अंदर अपना जवाब दाखिल करें. हम आशा करते हैं कि वो जल्द ही अपना जवाब दाखिल करेंगे."
वहीं, वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, "हमने 16 मई 2022 को दावा किया था कि मस्जिद के अहाते में मौजूद "वजूखाना" में एक शिवलिंग पाया गया है. हालांकि, अंजुमन इंतजामिया ने इसका खंडन किया और कहा कि वह एक फव्वारा है. इसी को देखते हुए हमने इसका ASI सर्वेक्षण कराने की मांग की थी.."
Kashi Vishwanath-Gyanvapi mosque case: Supreme Court issues to Gyanvapi mosque management committee and Archaeological Survey of India (ASI) on a plea of some Hindu petitioners for conducting ASI survey of the sealed area of ‘Wazukhana’ area inside the mosque.
“Shivling” is said… pic.twitter.com/nrTZC1Z7rj
— ANI (@ANI) November 22, 2024
इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ दायर की थी पिटीशन
वहीं, मस्जिद कमेटी की तरफ से सीनियर वकील हुज़ैफ़ा अहमदी कोर्ट के सामने पेश हुए. उन्होंने इस दौरान अदालत से कहा कि मस्जिद कमेटी द्वारा दायर पिटीशन को पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) एक्ट 1991 के तहत सुना जाना चाहिए. बता दें कि मस्जिद कमेटी ने ये पिटीशन इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ दायर की है, जिसमें 1991 एक्ट के तहत मस्जिद कमेटी की याचिका को खारिज कर दिया था.
मुस्लिम पक्ष ने की ये मांग
अहमदी अदालत को यह भी बताया कि ASI सर्वे के लिए हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद कमेटी की एसएलपी भी आज लिस्टेड नहीं थी. उन्होंने अदालत से कहा कि सभी मामलों पर एक साथ फैसला लिया जाए. अदालत अब सभी मामलों को 17 दिसंबर को एक साथ रखने पर सहमत हुई है. सुनवाई के बाद जस्टिस सूर्यकांत ने मौखिक रूप से दीवान से कहा कि वह इस पर विचार करें कि क्या मामलों को जिला न्यायालय के सामने ही Consolidated किया जा सकता है, ताकि हाईकोर्ट को अपीलीय मंच के रूप में रखा जा सके.