Iraq on Trump Gaza Statement: हाल में ही डोनाल्ड ट्रंप में गाजा और फिलिस्तीनियों को लेकर विवादित बयान दिया था. इस बयान के बाद मिडिल ईस्ट में सियासी तापमान बढ़ गया है. इराक ने अमेरिकी राष्ट्रपति को खरी-खोटी सुना दी है.
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Iraq on Trump Gaza Statement: गाजा में सीजफायर के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में मौजूद फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने की मांग की थी, जिसके बाद से ही मिडिल ईस्ट में राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. मिस्र, जॉर्डन और ईरान के बाद इराक ने ट्रंप के बायन पर आपत्ति जाहिर की है. इराकी विदेश मंत्री फुआद हुसैन ने कहा कि इराक फिलिस्तीनी लोगों को विस्थापित करने के किसी भी प्रयास को खारिज करता है.
इराकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, हुसैन की टिप्पणी फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद मुस्तफा के साथ एक फोन कॉल के दौरान आई, जिसके दौरान उन्होंने सीजफायर के बाद फिलिस्तीन में विकास और फिलिस्तीनी लोगों का समर्थन करने के लिए संयुक्त समन्वय बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की.
फिलिस्तीन का जारी रहेगा समर्थन- विदेश मंत्री
बयान में कहा गया है कि हुसैन ने फिलिस्तीनी कारणों का समर्थन करने में इराक के रुख की पुष्टि की, उनकी भूमि पर उनके लचीलेपन को बढ़ाने के लिए प्रयासों को एकजुट करने के महत्व पर जोर दिया.
विदेश मंत्री हुसैन ने जोर देकर कहा, "फिलिस्तीनी कारणों का समर्थन करने में इराक की दृढ़ स्थिति, फिलिस्तीनी लोगों को विस्थापित करने के उद्देश्य से किसी भी प्रयास को अस्वीकार करने और उनकी भूमि पर उनकी दृढ़ता को बढ़ाने के लिए प्रयासों को एकजुट करने के महत्व पर जोर दिया."
हमारे लिए सबसे पहले है फिलिस्तीन- इराक
उन्होंने बताया कि "इराक यह सुनिश्चित करने के लिए अधिकतम प्रयास करना जारी रखेगा कि फिलिस्तीनी फ़ाइल और फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के लिए समर्थन इस साल बगदाद में आयोजित होने वाले अरब शिखर सम्मेलन के एजेंडे की प्राथमिकताओं में सबसे आगे हो."
विदेश मंत्रालय के बयान के मुताबिक, फिलिस्तीनी विदेश मंत्री ने फिलिस्तीन के प्रति इराक के सहायक रुख के लिए अपनी गहरी प्रशंसा व्यक्त की, दोनों देशों के बीच भाईचारे के संबंधों की प्रशंसा की और विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर सहयोग और संयुक्त समन्वय के महत्व पर बल दिया.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले सप्ताह गाजा से फिलिस्तीनियों को मिस्र और जॉर्डन में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा था. इस बयान के बाद मिस्र और जॉर्डन ने साफ कर दिया है कि वह गाजा से फिलिस्तीनियों को मिस्र और जॉर्डन में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव को खारिज करता है.