Pakistan News: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सूबाई विधानसभाओं के सदस्यों ने 9 मार्च को राष्ट्रपति इलेक्शन के लिए वोटिंग की, जिसमें आसिफ अली जरदारी देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर चुने गए. जरदारी दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने हैं.
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Pakistan New President Asif Zardari: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सूबाई विधानसभाओं के सदस्यों ने शनिवार को राष्ट्रपति इलेक्शन के लिए वोटिंग की, जिसमें आसिफ अली जरदारी ने जीत का परचम लहराया. उनकी जीत को पहले ही तय माना जा रहा था. अब आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति चुन लिए गए हैं. वह दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बने हैं. पाकिस्तान की सियासत में उनका काफी बड़ा कद है. आसिफ जरदारी, सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) के उम्मीदवार 75 साल के महमूद खान अचकजई को शिकस्त देकर राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए. पाकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, उन्हें 255 वोट मिले, जबकि महमूद खान अचकजई को 119 वोट हासिल हुए.
बता दें कि,पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) ने 68 साल के जरदारी को अपना ज्वाइंट उम्मीदवार घोषित किया था. वहीं सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (SIC) के उम्मीदवार 75 साल के महमूद खान अचकजई राष्ट्रपति ओहदे के लिए चुनाव मैदान में उतारे गए थे. पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के लिए 9 मार्च की सुबह 10 बजे से वोटिंग का अमल शुरू हुआ और शाम चार बजे तक जारी रहा. पाकिस्तान के नये राष्ट्रपति आसिफ जरदारी डॉ. आरिफ अल्वी की जगह लेंगे, जिनके पांच साल की मुद्दत पिछले साल खत्म हो गई थी.संविधान के अनुसार, प्रेसिडेंट का सेलेक्शन अप्रत्यक्ष रूप से एक इलेक्टोरल मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें संघीय और सूबाई पॉलिसी बनाने वाले लोग शामिल होते हैं. राष्ट्रपति चुनाव में आसिफ जरदारी ने महमूद खान अचकजई को शिकस्त दी है.
बता दें कि,वोटिंग के लिए संसद भवन और प्रांतीय विधानसभाओं की इमारतों को पोलिंग सेंटर के तौर पर तब्दील कर दिया गया था. वहीं, आसिफ जरदारी ने संसद के ज्वाइंट सेशन में राष्ट्रपति चुनाव में वोट डाला. अपने वोट का इस्तेमाल करने वाले अहम लीडरों में पीएम शहबाज शरीफ, पीपीपी लीडर बिलावल भुट्टो जरदारी, पीटीआई पार्टी के लीडर उमर अयूब और पीएमएल-एन के इशाक डार शामिल थे. बिलावल भुट्टो जरदारी ने बड़ा दावा करते हुए कहा था कि उनके पिता आसिफ जरदारी एक बार फिर से देश के राष्ट्रपति पद पर काबिज होंगे. इससे पहले बिलावल ने राष्ट्रपति इलेक्शन में सांसदों से अपने पिता की हिमायत में वोट डालने की अपील की थी.