जैश अल-अदल (JaA), एक सुन्नी सलाफी मिविटेंट ग्रुप है. जो दक्षिणपूर्वी ईरान और पश्चिमी पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान से चलता है. ईरान का दावा है कि इस संगठन को इजरायल और अमेरिका का समर्थन प्राप्त है.
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पाकिस्तान (Pakistan) में ईरान (Iran) की एयर स्ट्राइक के बाद जैश अल-अदल (Jaish al-Adl) का नाम चर्चा में है. 2012 में बने इस ग्रुप का इतिहास ज्यादा पुराना तो नहीं है, लेकिन इस आतंकी संगठन ने ईरान और पाकिस्तान में कई हमलों को अंजाम दिया है. ईरान के बलूचिस्तान में जैश अल-अदल समूह के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन से हमले के बाद पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसने ईरान में "आतंकवादी ठिकानों" के खिलाफ हवाई हमले किए है. इस्लामाबाद से जारी बयान में कहा गया है कि बलूच लिबरेशन फ्रंट (BLF) पाकिस्तान के हमलों का निशाना था.
कौन है जैश अल-अदल?
जैश अल-अदल (JaA), एक सुन्नी सलाफी मिविटेंट ग्रुप है. जो दक्षिणपूर्वी ईरान और पश्चिमी पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान से चलता है. JAA का नाम पहली बार 2013 में सुर्खियों में आया था जब JAA ने ईरानी की सीमा पर तैनात ईरान फौज के खिलाफ हमले शुरू कर दिए थे. JAA को ईरान आतंकवादी समूह घोषित किया हुआ है. इसका गठन 2012 में हुआ था. इस संगठन की मांग ईरान में सिस्तान और पाक में बलूचिस्तान प्रांत की आजादी है. दूसरी ओर बलूच लिबरेशन फ्रंट पाकिस्तान के पश्चिमी प्रांत बलूचिस्तान की आजादी चाहता है. वे उन संगठनों में से हैं जो अक्सर पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में हमले करते रहते हैं. ईरान और पाकिस्तान के रिश्तों में उतार चढ़ाव रहा है, लेकिन हाल ही के हमलों में स्थिति ज़्यादा बिगड़ी हुई नज़र आ रही है.
कब-कब हमलों की वजह से दोनों देशों में आई तल्खी