भारत में संस्कृत पढ़ने वाले लोगों की काफी तादाद है. लेकिन अब विदेशी भी संस्कृत पढ़ने को लेकर दिलचस्पी दिखा रहे हैं. विदेश के मुस्लिम बच्चों ने संस्कृत पढ़ने के लिए आवेदन किया है.
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भारत में संस्कृत को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसी के पेशे नजर काफी बच्चे संस्कृत पढ़ने के लिए उत्साहित दिख रहे हैं. अच्छी बात यह है कि विदेशी बच्चे भी संस्कृत पढ़ने में दिलचस्पी ले रहे हैं. हैरत की बात यह है कि विदेशों के मुस्लिम बच्चे भी संस्कृत पढ़ने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. राजस्थान के जयपुर में मौजूद जगद्गुरू रामानन्दाचार्य राजस्थान में नए सत्र में संस्कृत भाषा में अलग-अलग पाठ्यक्रमों में 18 सितंबर तक 56712 एप्लीकेशन आ चुके हैं. इसमें विदेशी बच्चों के एप्लीकेशन भी शामिल हैं.
30 सितंबर तक एडमिशन की डेट
दरअसल यूनिवर्सिटी ने ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में संस्कृत भाषा में 18 पाठ्यक्रम शुरू किए हैं. यह पाठ्यक्रम एकदम मु्फ्त हैं. यूनिवर्सिटी के मुताबिक दुनिया में ऐसा पहली बार हो रहा है कि कोई यूनिवर्सिटी इतने सारे पाठ्यक्रमों में मुफ्त में एडमिशन दे रही है. यूनिवर्सिटी ने 'वैश्विक संस्कृत सेवा' के तहत फ्री में संस्कृत पढ़ाने का प्लान बनाया है. इसके तहत 4 साल से लेकर 100 साल तक का कोई भी शख्स एडमिशन ले सकता है. यूनिवर्सिटी में 30 सितंबर तक एडमिशन लेने की डेट है.
मुस्लिम बच्चों ने लिया एडमिशन
अब तक जो एप्लीकेशन मिले हैं उनमें तकरीबन 311 मु्स्लिम विदेशी बच्चों के हैं. इसमें लड़के और लड़कियां दोनों शामिल हैं. 181 लड़कों और 130 लड़कियों ने संस्कृत पढ़ने के लिए दिलचस्पी दिखाई है. बांग्लादेश की सुरैया ने भारतीय दर्शन में एडमिशन लिया है. वह संस्कृत बोलना सीखना चाहती हैं. नेपाल से हमीदा ने एडमिशन लिया है. वह अध्यात्म एवं नीतिशास्त्र पढ़ना चाहती हैं.