Abu Salem Case: अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम ने अपनी जान पर खतरा बताते हुए स्पेशल कोर्ट में अर्जी दी थी. लेकिन इस अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब गैंगस्टर ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है.
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Abu Salem Case: माफिया व पू्र्व सांसद अतीक अहमद और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बाद अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को भी अपनी जान को खतरा पहुंचने का डर सताने लगा है. यही कारण है कि उसने स्पेशल कोर्ट नवी मुंबई की तलोजा जेल से नासिक सेंट्रल जेल में शिफ्ट करने के हुक्म के खिलाफ अर्जी दी थी. लेकिन इस अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दिया था. अब गैंगस्टर ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. उन्होंने जेल बदलने के हु्क्म को अपने खिलाफ साजिश करार दिया है.
गैंगस्टर अबू सलेम ने बंबई हाईकोर्ट पिछले आदेश को चुनौती दी है. सलेम ने दावा किया है कि तलोजा जेल से दूसरी जेल में भेजने का निर्णय उसे जान से मारने की "साजिश" है, क्योंकि उसे कुछ महीनों में जेल से रिहा किए जाने की संभावना है. सलेम की पिटीशन बुधवार को जस्टिस ए एस गडकरी और नीला गोखले की खंडपीठ के समक्ष रखी गई थी, लेकिन बेंच कोई कारण बताये बिना इस सुनवाई से खुद को अलग कर लिया.इसलिए ये याचिका अब दूसरी बेंच के समक्ष सूचीबद्ध की जाएगी.
सलेम को किससे है डर?
तलोजा जेल को अपने लिए सेफ बताते हुए सलेम ने आशंका जताई थी कि दूसरी जेलों में उसके विरोधी गिरोहों के मेंबर उस पर हमला कर सकते हैं. सलेम ने कहा कि इस वक्त उसे दूसरी जेल में भेजना "अवांछित और दुर्भावनापूर्ण मकसद वाला है."
सलेम ने कहा कि अभी उसके नाम से दिल्ली में दो मामले दर्ज है, जिसकी वजह से उसे राष्ट्रीय राजधानी की यात्रा करना होगा. पिटीशन में कहा गया है कि दूसरी जेल में शिफ्ट किये जाने से दिल्ली की उसकी यात्रा प्रभावित होगी, जिससे उसके खिलाफ मुकदमे की सुनवाई में देर हो सकती है. जेल अफसरों ने स्पेशल कोर्ट में दलील दी थी कि सलेम को नासिक सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया जाना चाहिए, क्योंकि तलोजा जेल के अंदर उच्च सुरक्षा वाली कोठरी काफी जर्जर स्थिति में है इसलिए उसकी तत्काल मरम्मत की जरूरत है. वहीं, इसपर सलेम ने दलील थी कि उन्हें उसी जेल के किसी दूसरे बैरक में शिफ्ट कर दिया जाए.
क्या है पूरा मामला?
सलेम को 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में जून 2017 में दोषी करार दिया गया था. कोर्ट ने इस मामले में उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इससे पहले उसे सरकार ने 11 नवंबर, 2005 को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित करके भारत लाया था और 2006 के मार्च महीने में स्पेशल टाडा कोर्ट ने उसके और उसके एक सहयोग रियाज सिद्दीकी के खिलाफ 8 चार्जशीट दायर किए थे.