देश के इन दस राज्यों ने CBI के क़तर दिए हैं पर,अब केंद्रीय एजेंसी नहीं कर पाएगी मनमानी
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देश के इन दस राज्यों ने CBI के क़तर दिए हैं पर,अब केंद्रीय एजेंसी नहीं कर पाएगी मनमानी

कार्मिक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि दस राज्यों ने सीबीआई से 'अन्वेषण की अनुमति' वापस ले ली है. दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट, 1946 के सेक्शन 6 के प्रावधान के तहत सीबीआई को संबधित राज्य से सहमति लेनी पड़ती है.

देश के इन दस राज्यों ने CBI के क़तर दिए हैं पर,अब केंद्रीय एजेंसी नहीं कर पाएगी मनमानी

दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट, 1946 के सेक्शन 6 के मुताबिक, सीबीआई को किसी मामले की जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से सहमति की आवश्यकता होती है. ऐसे में सहमति वापस लेने का अर्थ है कि सीबीआई राज्य में किसी भी मामले की जांच राज्य सरकार की अनुमति के बिना नहीं कर पाएगी. दरअसल, सीबीआई दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट, 1946 द्वारा शासित है. यह कानून सीबीआई को दिल्ली पुलिस की एक विशेष शाखा बनाता है, और इस प्रकार इसका मूल अधिकार क्षेत्र दिल्ली तक ही सीमित रह जाता है. 

केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में क्या कहा
कार्मिक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि अब तक दस राज्यों ने सीबीआई से अपना जनरल कंसेंट वापस ले लिया है. जिसमें पंजाब, झारखंड, केरल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, मिज़ोरम, तेलंगाना, मेघालय और तमिलनाडु शामिल हैं. 

क्या होती है आम सहमति
असल में सीबीआई जांच के लिए दो तरह की सहमति होती है, पहला सामान्य और दूसरा विशिष्ट. जब कोई राज्य किसी मामले की जांच के लिए सीबीआई को सामान्य या आम सहमति दे देता है, तो सीबीआई को हर बार जांच के सिलसिले में या किसी मामले के लिए उस राज्य में प्रवेश करने पर नई अनुमति नहीं लेनी होती है. जब आम सहमति वापस ले ली जाए तो सीबीआई को संबंधित राज्य सरकार से हर मामले में जांच के लिए सहमति लेनी पड़ती है. इससे सीबीआई द्वारा निर्बाध जांच में बाधा होती है.आमतौर पर भ्रष्टाचार या हिंसा के मामले में निर्बाध जांच की सुविधा के लिए सामान्य सहमति दी जाती है.

क्या कहता है सीबीआई कानून?
दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट, 1946 के सेक्शन 6, केंद्र सरकार को संबंधित राज्य सरकार की सिफारिश पर किसी भी राज्य के अधिकार क्षेत्र के भीतर किसी मामले की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश देने का अधिकार देती है. अदालतें सीबीआई जांच का आदेश भी दे सकती हैं और जांच की प्रगति की निगरानी भी कर सकती हैं. सीबीआई मैनुअल में कहा गया है, "केंद्र सरकार किसी राज्य में ऐसे अपराध की जांच के लिए सीबीआई को अधिकृत कर सकती है, लेकिन केवल संबंधित राज्य सरकार की सहमति से. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट, हालांकि, सीबीआई को कहीं भी ऐसे अपराध की जांच करने का आदेश दे सकते हैं"

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