Nuh Violence: नूंह हिंसा के बाद हिंदू संगठनों ने मुसलमानों की बहिष्कार की अपील की है. बहिष्कार की अपील वाली वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस घटना पर पुलिस ने ये बात कही है. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्कॉल करें.
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Nuh Violence: एक कथित वीडियो में नूंह के बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा के बैनर लिए हिंदुओं के एक समूह को हरियाणा में दुकानदारों से मुसलमानों को रोजगार न देने और विक्रेताओं का बहिष्कार करने का आग्रह करते देखा गया है. हिंदू समूह ने यह चेतावनी हरियाणा के एक बाजार में एक रैली के दौरान दी. चौंकाने वाली बात यह है कि यह घोषणा पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में की जा रही थी. जिन्हें वीडियो में समूह के सदस्यों के साथ चलते देखा गया है.
रैली के दौरान हिंदू संगठन के सदस्यों ने 'जय श्री राम' के नारे लगाए जा रहे थे. हालांकि, पुलिस द्वारा अभी तक वीडियो की पुष्टि नहीं की गई है. पुलिस ने कहा, "वे मामले की जांच कर रहे हैं. किसी को भी नूंह में शांति और सद्भाव को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी."
We are giving two days ultimatum to all the shops to fire their Muslim employees or we will boycott them Open call for boycott of #Muslims in #Haryana.
Mulle Kaate Jayenge" slogan raised. All in police presence. Anti-muslim hate is normalised everyday. pic.twitter.com/p6ialNBP3V
Hate Detector (@HateDetectors) August 8, 2023
सेक्टर 57 स्थित अंजुमन मस्जिद के इमाम मोहम्मद साद की हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए चार संदिग्धों के समर्थन में रविवार को गुरुग्राम के तिगरा गांव में एक महापंचायत हुई थी. ग्रामीणों का कहना है कि गिरफ्तार किये गये चारों लोगों को कथित घटना में गलत तरीके से फंसाया गया है. उन्होंने हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ सबूत देखने की मांग की.
महापंचायत में हिंदू संगठन के साथ-साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया था. जहां उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि गुरुग्राम में बढ़ई, नाई, सब्जी विक्रेता, मैकेनिक और कैब ड्राइवरों के रूप में काम करने वाले सैकड़ों मुस्लिम पुरुषों का बहिष्कार किया जाना चाहिए और अपार्टमेंट या झोपड़ियों को किराए पर नहीं दिया जाना चाहिए. तिगरा गांव सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद के करीब है. जिसे नूंह में एक मुस्लिम बहुल गांव से गुजर रहे हिंदू जुलूस पर हमले के तुरंत बाद शहर में निशाना बनाया गया था.
आपको बता दें कि गुरूग्राम में हिंसा के दौरान एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाने के लिए गुरूग्राम के विभिन्न इलाकों में कई मांस की दुकानों, कबाड़ की दुकानों, फर्नीचर की दुकानों और झुग्गियों को निशाना बनाया गया था.
एसीपी वरूण दहिया ने कहा, "लोगों को किसी भी घटना से बचाने के लिए कई पुलिस टीमें मौके पर मौजूद हैं. हमने सभी प्रमुख स्थानों पर पुलिस की तैनाती सुनिश्चित की है. हम लोगों से किसी भी घटना के लिए तुरंत पुलिस को सूचित करने या 112 डायल करने का आग्रह कर रहे हैं. किसी को भी शहर में कानून-व्यवस्था को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी."
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