Reservation for SC in posts of law officers: पंजाब सरकार ने इतवार को घोषणा की है कि महाधिवक्ता कार्यालय में सृजित किए जा रहे लीगल अफसरों के 58 नये ओहदों में अनुसूचित जाति के अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे.
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चंडीगढ़ः पंजाब सरकार (Punjab Government) ने लीगल अफसरों की भर्ती में अनुसूचित जातियों (SC) के लिए आरक्षण व्यवस्था (Reservation for SC in posts of law officers) लागू कर दिया है. सरकार ने इतवार को इसकी घोषणा की है. मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने कहा कि पंजाब मुल्क का पहला राज्य होगा जहां पर एससी समुदाय से आने वाले वकीलों के लिए ऐसे प्रावधान होंगे. मान ने यह घोषणा विधिक अफसरों की नियुक्ति के मुद्दे पर वाल्मिकी समुदाय के सदस्यों के साथ हुई बैठक के एक दिन बाद की है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा है कि महाधिवक्ता कार्यालय में सृजित किए जा रहे लीगल अफसरों के 58 नये ओहदों में अनुसूचित जाति (एससी) के अधिवक्ताओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे. इन पदों को आने वाले दिनों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
13 सितंबर तक आवेदन करने की आखिरी तारीख
आधिकारिक बयान के मुताबिक इस संबंध में गृह विभाग द्वारा शनिवार को नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें योग्यता रखने वाले अनुसूचित जाति के वकीलों/उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं. उम्मीदवारों से चंडीगढ़ स्थित महाधिवक्ता कार्यालय और नई दिल्ली स्थित कानूनी प्रकोष्ठ से सबद्ध होने के लिए आवेदन मांगा गया है. अर्हता रखने वाले इन पदों के लिए 13 सितंबर तक आवेदन कर सकते हैं.
फैसला कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेकर लिया गया है
भगवंत मान ने कहा, ’’जब मैंने मुख्यमंत्री ओहदे की शपथ ली थी और मैंने अफसरों से पूछा कि क्या महाधिवक्ता कार्यालय में विधिक अफसरों को आरक्षण का कोई प्रावधान है, तो उन्होंने न में जवाब दिया था.’’ जब मैंने उनसे पूछा कि क्या हम इसके लिए प्रावधान कर सकते हैं, तो उन्होंने कहा कि अगर सरकार चाहे तो ऐसा फैसला कर सकती है.’’ उन्होंने कहा कि यह फैसला कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेकर लिया गया है.
एससी समुदाय के नौजवानों को मिलेगा समान मौका
वीडियो संदेश में मान ने कहा कि वह हमेशा से एससी समुदाय के नौजवानों को प्रत्येक क्षेत्र में समान मौके देने के हिमायती रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार समुदाय को तरक्की और समृद्धि के समान मौके देने के लिए सभी तरह की कोशिश कर रही है. मान ने दावा किया है कि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा समुदाय की बेहतरी के लिए सिर्फ जुबानी जमापूंजी खर्च की जाती थी, जबकि आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस संबंध में वास्तविक कदम उठाए हैं.
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