Trending Photos
How to make Swastik: स्वास्तिक के चिह्न को बेहद शुभ माना जाता है. जब भी कोई शुभ काम, पूजा-अनुष्ठान आदि किया जाता है, सबसे पहले स्वास्तिक का चिह्न बनाया जाता है. स्वास्तिक के चिह्न का उपयोग सकारात्मकता, एकाग्रता और सुख-समृद्धि लाता है. साथ ही यह कामों में सफलता दिलाता है. इसलिए हर काम की शुरुआत स्वास्तिक का निशान बनाकर की जाती है. वास्तु शास्त्र में स्वास्तिक के निशान को बेहद ताकतवर बताया गया है और इसके उपयोग से कई तरह के वास्तु दोष दूर होने की बात कही गई है. लेकिन स्वास्तिक बनाने में की गई गलती भारी भी पड़ सकती है.
यदि स्वास्तिक के चिह्न को सही तरीके से बनाया जाए तो यह ढेरों लाभ देता है. इसे बनाने से आसपास के माहौल में सकारात्मकता आती है. लोगों की एकाग्रता बढ़ती है. वास्तु दोष दूर होते हैं. जीवन में संपन्नता आती है. यहां तक कि इसमें बीमारियों-तनाव से दूर रखने की भी ताकत होती है. वहीं स्वास्तिक बनाने में की गई गलती बड़ी मुसीबतें भी ला सकती है इसलिए इसे बनाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है.
- हमेशा ध्यान रखें कि स्वास्तिक सीधा ही बनाएं. उल्टा स्वास्तिक बनाना बहुत भारी पड़ सकता है. यह जीवन में कई मुसीबतें ला सकता है.
- स्वास्तिक सीधा बनाने के साथ-साथ इसकी रेखाएं और कोण सही अनुपात में होने चाहिए. इनका बड़ा-छोटा होना अच्छा नहीं माना जाता है.
- स्वास्तिक का शुभ प्रतीक लाल, पीले और नीले रंग से ही बनाना चाहिए. इसमें लाल और पीला रंग सबसे शुभ माना गया है. इनके अलावा किसी अन्य रंग से बना सवास्तिक अशुभ फल देता है.
- जो लोग स्वास्तिक धारण करना चाहते हैं, वे ध्यान रखें कि स्वास्तिक के चारों ओर एक गोलाकार घेरा हो. सोने या चांदी के गोलाकार घेरे के अंदर बना स्वास्तिक लाल धागे में धारण करना एकाग्रता बढ़ाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर