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Pukhraj Ratan For Sagittarius: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर राशि का एक स्वामी ग्रह होता है जिसका शुभ और अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन और स्वभाव पर देखने को मिलता है. वहीं, रत्न शास्त्र में हर राशि के लिए एक रत्न बताया गया है. उस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को कई प्रकार के लाभ होते हैं. आज हम जानेंगे धनु राशि के लोगों के लाभकारी रत्न के बारे में. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धन राशि का स्वामी ग्रह गुरु बृहस्पति है. नव ग्रहों में देवगुरु बृहस्पति को गुरु की उपाधी दी गई है.
ज्योतिष के अनुसार इस राशि के जातकों का स्वभाव मस्ती-मजाक करने वाला होता है. ये जोशीले और उत्साह से भरे हुए होते हैं. इन्हें यात्रा करना बेहद पसंद होता है. इतना ही नहीं, धनु राशि के जातकों को आजाद रहना पसदं करते हैं. इन्हें किसी दखलअंदाजी बिल्कुल पसंद नहीं होती. ऐसे में जानते हैं धनु राशि के जातकों के लिए कौन-सा रत्न धारण करना लाभकारी होता है.
धनु राशि के पुरुष पहनें ये रत्न
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनु राशि के जातक आधायत्मिक होते हैं. रत्न शास्त्र के अनुसार इस राशि के पुरुषों को बृहस्पति ग्रह का रत्न फिरोजा धारण करने की सलाह दी जाती है. इसे धारण करने से व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु शांत होते हैं. इतना ही नहीं, इसे पहनने से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है. वहीं, ऐसा भी कहा जाता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति को कई बड़ी-बड़ी बीमारियों से छुटकारा मिल जाता है.
महिलाएं धारण करें ये रत्न
रत्न शास्त्र में कहा गया है कि धनु राशि की महिलाएं को नीले रंग का टोपाज रत्न धारण करना चाहिए. मान्यता है कि इसे धारण करने से व्यक्ति अपनी भावनाओं को नियंत्रित कर सकता है.
धनु राशि के लिए उत्तम रत्न
वैसे बता दें कि धनु राशि के लोगों के लिए उनका राशि रत्न पुखराज होता है. अगर आप राशि के अनुसार रत्न धारण करते हैं, तो व्यापार में तरक्की के सभी रास्ते खुद-ब-खुद खुल जाते हैं. इतना ही नहीं, इसे धारण करने से व्यक्ति के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है. इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती.
जानें धारण करने की विधि
रत्न शास्त्र में कहा गया है कि कोई भी रत्न तभी असर दिखाता है, जब उसे सही विधि से पहना जाता है. पुखराज को हमेशा सोने की अंगूठी में धारण किया जाता है. गुरु बृहस्पति का रत्न होने के कारण इसे गुरुवार के दिन पहना जाता है. इस दिन गुरु बृहस्पति की पूजा के बाद ओम गुं गुरुवाये नमः मंत्र का जाप करें. इसके बाद दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में इस रत्न को धारण किया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)