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Surya Dev Puja: सूर्य देव का एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करना संक्रांति कहलाता है. और सूर्य देव जिस राशि में प्रवेश करते हैं उसी संक्रांति के नाम से जाना जाता है. बता दें कि 16 नवंबर को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे. इसलिए इसे वृश्चिक राशि के नाम से जाना जाएगा. 16 नवंबर से 15 दिसंबर तक सूर्य इसी राशि में विराजमान रहेंगे. इस दौरान दान का विशेष लाभ बताया गया है. संक्रांति के दिन भी स्नान-दान का खास महत्व है. मान्यता है कि इस समय में किए गए दान का फल कई गुना ज्यादा मिलता है.
वृश्चिक संक्रांति 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार वृश्चिक संक्रांति 2022 16 नवंबर बुधवार के दिन है. इस दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 06 से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक है. वहीं, वृश्चिक संक्रांति का महापुण्य काल शाम 03 बजकर 40 मिनट से से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक होगा.
संक्रांति पर सूर्य उपासना
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य देव की उपासना करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन सही विधि से सूर्य उपासना करने से व्यक्ति का भाग्य सूर्य की तरह चमक उठता है और करियर में ऊंचा मुकाम हासिल करता है. संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले उठ जाएं और एक तांबे के पात्र में शुद्ध जल भरकर उसमें लाल चंदन डालें और सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करें. इस दिन पानी में हल्दी, कुमकुम और चावल मिलाकर जल चढ़ाने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं. अर्घ्य के बाद सूर्य देव की आरती करें और घी का दीपक जलाएं. इस दौरान घी में लाल चंदन मिलाकर ही पूजा करें.
संक्रांति के दिन सूर्य देव की पूजा करते समय पूजा में लाल रंग के फूलों का इस्तेमाल करें. गुड़ का हलवा सूर्य देव को अर्पित करें और ओम दिनकराय नमः या अन्य सिद्ध मंत्रों का जाप करना लाभगदायी है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से सूर्य दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.
श्राद्ध और तर्पण का है महत्व
वृश्चिक संक्रांति के दिन दान, पुण्य, पितर तर्पण और श्राद्ध का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन भी तीर्थ यात्रा क रने और पूर्वजों के लिए श्राद्ध और तर्पण करने की परंपरा है. कहा जाता है कि जो व्यक्ति संक्रांति के दिन पवित्र स्नान नहीं करता, वे सात जन्मों तक बीमार और गरीब रहता है. इतना ही नहीं, इस दिन ब्राह्मणों और गरीबों को अन्न, वस्त्र और गाय का दान करना भी शुभ माना गया है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)