First Hydrogen Car In India: कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को भारत की पहली हाइड्रोजन कार (First Hydrogen Car In India) में सफर करते देखा गया था. इसे भविष्य की कार (Future Car) भी बताया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे हाइड्रोजन से किसी कार या वाहन को चलाया जा सकता है.
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How Hydrogen Car Works: हाल ही में चीन में पहली हाइड्रोजन ट्रेन (hydrogen train) सामने आई है. भारत सरकार और दुनिया का फोकस इलेक्ट्रिक कारों के बाद अब हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों पर है. दरअसल, भारत में पेट्रोल-डीजल की जगह इलेक्ट्रिक कारों पर पिछले कई सालों से काम किया जा रहा है. अब समय इससे भी आगे जाने का है. यही वजह है कि सरकार का फोकस अब बैटरी-पावर्ड व्हीकल से शिफ्ट होकर हाइड्रोजन कारों पर बढ़ने वाला है. कुछ दिनों पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को भारत की पहली हाइड्रोजन कार (First Hydrogen Car In India) में सफर करते देखा गया था.
गडकरी इस कार में बैठकर पार्लियामेंट पहुंचे थे. यह जापान की कंपनी टोयोटा की Toyota Mirai कार थी. इस कार को भारत डेमो के तौर पर लाया गया है. यह हाइड्रोजन फ्यूल सेल पर चलने वाली भारत की पहली कार है. इसे भविष्य की कार (Future Car) भी बताया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कैसे हाइड्रोजन से किसी कार या वाहन को चलाया जा सकता है. यहां हम हाइड्रोजन कार के चलने का पूरा प्रोसेस समझने वाले हैं.
The inside of a hydrogen car vs. the inside of a Tesla.
Which looks safer to you? pic.twitter.com/P3y7IrQDE1
— Jeff (@JeffTutorials) August 12, 2021
ऐसे चलती है हाइड्रोजन कार (How Hydrogen Car Works)
अगर टोयोटा मिराई कार की बात करें तो इसमें तीन हाइड्रोजन टैंक दिए गए हैं. इन टैंक्स को सिर्फ 5 मिनट में भराया जा सकता है. इसमें 1.24kWh का बैटरी पैक भी दिया गया है. कार में 182hp की इलेक्ट्रिक मोटर मिलती है. इस तरह की कारों को हाइड्रोजन आधारित फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल (FCEV) कहा जाता है. यह बैटरी पावर्ड इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) का एडवांस रूप है.
दरअसल, यह एक प्रकार की इलेक्ट्रिक कार ही होती है. कार के टैंक में मौजूद हाइड्रोजन और वायुमंडल की ऑक्सीजन के बीच रिएक्शन कराया जाता है, जिससे इलेक्ट्रिसिटी जेनरेट होती है. इस इलेक्ट्रिसिटी से इलेक्ट्रिक मोटर चलाया जाता है और इसी से कार चलती है. अतिरिक्त बिजली को कार में लगी बैटरी में स्टोर कर दिया जाता है.
India Become Exporter Of Green Hydrogen @nitin_gadkari
Driving In Hydrogen Car
pic.twitter.com/46TmVN3snq— INDIPLUS NEWS (@IndiplusNews) March 30, 2022
EV से किस तरह बेहतर
यह पेट्रोल और डीजल के मुकाबले तो बेहतर है ही, इसे इलेक्ट्रिक कारों के विकल्प के रूप में भी देखा जा रहा है. दरअसल, इलेक्ट्रिक कारों के साथ सबसे बड़ा डर इस बात का बना रहता है कि बैटरी खत्म होने पर उन्हें चार्ज करने में लंबा समय लग जाएगा. लेकिन हाइड्रोजन कार को सिर्फ 5 मिनट में सफर पर दौड़ने के लिए तैयार किया जा सकता है. जबकि इसमें फायदे इलेक्ट्रिक कार वाले ही हैं.
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