Tamil Nadu Rail Project: तमिलनाडु की डीएमके सरकार और केंद्रीय रेल मंत्री के बीच रेल प्रोजेक्ट को लेकर विवाद चल रहा है. हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा था कि राज्य सरकार नहीं चाहती की रेल प्रोजेक्ट आगे बढ़े, लेकिन राज्य सरकार की तरफ से कहा गया है कि रेल मंत्री जी झूठ बोल रहे हैं.
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तमिलनाडु में रद्द की गई रेलवे परियोजना राज्य और केंद्र सरकार के बीच विवाद का ताजा मुद्दा बन गई है. डीएमके ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस दावे का खंडन किया है कि राज्य सरकार मदुरै और थूथुकुडी के दक्षिणी जिलों को जोड़ने वाली परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए तैयार नहीं थी. हाल ही में चेन्नई दौरे के दौरान अश्विन वैष्णव ने कहा कि परियोजना को स्थगित कर दिया गया है क्योंकि डीएमके सरकार ने लिखित में दिया था कि वे इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं.
शुक्रवार आईसीएफ चेन्नई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने राज्य सरकार से लोगों की सेवा को राजनीति से ऊपर रखने को कहा था. उन्होंने कहा था,'हमें भूमि अधिग्रहण में राज्य सरकार के समर्थन की जरूरत है. हमें यह यकीनी करना चाहिए कि लोगों की सुविधाएं राजनीति से ऊपर हों और हमें पहले लोगों के कल्याण को देखना चाहिए.'
डीएमके यूथ विंग ने मंत्री पर 'सरासर झूठ बोलने' का आरोप लगाया और एक पत्र साझा किया जिसमें मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने अगस्त में परियोजना के लिए पैसा मांगा था. पोस्ट में लिखा गया है,'जब सीएम ने परियोजना के लिए पत्र लिखा था और हकीकत में रेलवे ने ही तुच्छ कारणों का हवाला देते हुए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था, तब वह ऐसा क्यों कह रहे हैं.'
राज्य के परिवहन मंत्री एसएस शिवशंकर ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार ने कभी भी परियोजना को वापस लेने की मांग नहीं की थी. न तो लिखित रूप में और न ही मौखिक रूप से. इसके बजाय उन्होंने कहा कि वे परियोजना को आगे बढ़ाने पर जोर दे रहे थे और इस तरह की टिप्पणियां तमिलनाडु के प्रति केंद्र की भेदभावपूर्ण प्रकृति को दर्शाती हैं.
परियोजना का ऐलान 2011-12 में किया गया था. दक्षिणी रेलवे ने 2016 में इस पर काम करना शुरू किया और 2022 में मिलवितन और मेलमारुदुर के बीच 143.5 किलोमीटर के हिस्से में से 18 किलोमीटर का काम पूरा हो गया. परियोजना पर पहले ही 324 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.