SLBC Tunnel Accident: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से एक बड़ी खबर सामने आई है. प्रदेश के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन हिस्से में छत का एक हिस्सा गिरने से 8 श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है.
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SLBC Tunnel Accident: साल 2023 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सुरंग धंस गई थी. जिसमें 41 मजदूर फंस गए थे. इससे मिलता- जुलता एक हादसा तेलंगाना में हुआ है. प्रदेश के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) के निर्माणाधीन हिस्से में छत का एक हिस्सा गिरने से कम से कम 8 श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है. जानकारी के मुताबिक घटना तब हुई जब कुछ श्रमिक काम के सिलसिले में अंदर गए थे, तभी सुरंग के 12-13 किलोमीटर अंदर छत गिर गई.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि काम में लगी कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छह से आठ श्रमिकों के फंसे होने की आशंका है. अधिकारी ने कहा, "घटना तब हुई जब कुछ श्रमिक काम के सिलसिले में अंदर गए थे, तभी सुरंग के 12-13 किलोमीटर अंदर छत गिर गई. हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में संख्या बताए बिना संकेत दिया गया कि कुछ लोग घायल हुए हैं. जानकारी के अनुसार निर्माण कंपनी की टीम आकलन के लिए अंदर गई है और वह सत्यापन कर रही है.
मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य अधिकारियों को राहत कार्य के लिए घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, राज्य के सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी, सिंचाई मामलों के सरकारी सलाहकार आदित्यनाथ दास और अन्य सिंचाई अधिकारी विशेष हेलीकॉप्टर से घटनास्थल के लिए रवाना हुए. दुर्घटना पर चिंता जताते हुए केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने घटना के कारणों की जानकारी ली और अधिकारियों से फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने को कहा. उनके कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि उन्होंने अधिकारियों से घायलों (यदि कोई हो) को उपचार मुहैया कराने को भी कहा है.
पीएम ने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बातचीत की. इस दौरान उन्होंने राज्य के एसएलबीसी सुरंग में फंसे कर्मियों के बचाव अभियान पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने सीएम रेड्डी को आश्वस्त किया कि केंद्र सरकार इस बचाव कार्य में हर संभव मदद और सहायता प्रदान करेगी.
रास्ता है साफ
बता दें कि निर्माणाधीन सुरंग के अंदर फंसे आठ लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान तेज कर दिया गया और अधिकारियों ने सुरंग में प्रवेश करने वाले दलों का मार्गदर्शन करने के लिए ड्रोन तैनात किए हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुरंग में 13 किलोमीटर तक रास्ता साफ है, क्योंकि 14 किलोमीटर अंदर निर्माणाधीन खंड की छत का एक हिस्सा ढहा है. हालांकि, बचाव दल सुरंग की समग्र स्थिति को लेकर आशंकित हैं. सूत्रों ने बताया, ‘‘घटनास्थल पर ढेर सारा मलबा जमा हो गया है, इसलिए बचाव दल आगे बढ़ने और किसी भी संभावित खतरे का पता लगाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं. (पीटीआई)