DNA Analysis: अबीर और गुलाल का त्योहार होली पूरे संसार में भारत की पहचान है. पूरे देश में इसकी चहल- पहल देखी जाती है. इस बार मार्च के महीने में होली त्योहार है. इससे पहले फराह खान ने होली त्योहार पर टिप्पणी की है. जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
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DNA Analysis: अबीर और गुलाल का त्योहार होली पूरे संसार में भारत की पहचान है. पूरे देश में इसकी चहल- पहल देखी जाती है. घरों से बाहर रहने वाले लोग इस मौके पर अपनी घर गांव का रूख करते हैं. लोग एक दूसरे से द्वेष मिटाकर होली के रंग में रंग जाते हैं. हर साल दुनिया भर से लोग होली के रंग खेलने बृजभूमि में आते हैं. इस साल होली के पहले ही एक बार फिर आपत्तिजनक टिप्पणी फराह खान के द्वारा की गई है. जिसे लेकर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.
इस शिकायत पर आगे क्या होगा. ये कानून तय करेगा लेकिन होली पर फराह खान की टिप्पणी ने कुछ सवालों को दोबारा जिंदा कर दिया है. पहला और बड़ा सवाल ये कि आखिर बॉलीवुड को सारी खामियां हिंदू त्योहारों में ही क्यों नजर आती हैं. क्या हिंदू आस्था को बॉलीवुड में इतना कमजोर समझा जाता है कि जब चाहे उसे आहत कर दिया जाए?आखिर क्या वजह है किसी दूसरे धर्म से जुड़े आयोजनों पर बॉलीवुड सेलेब्रिटीज ओछी टिप्पणी करने से दूर रहते हैं.
बॉलीवुड के कुछ चेहरों को होली में पानी की बर्बादी नजर आती है तो बॉलीवुड में ऐसे चेहरे भी हैं जिन्हें दिवाली पर पटाखे कबूल नहीं होते और यही वजह है कि जब जब बॉलीवुड से कोई विवादित बयान आता है तो प्रतिक्रियाएं तीखी हो जाती हैं.
बाबा बागेश्वर ने कुछ ही दिन पहले एक सवाल उठाया था बॉलीवुड की फिल्मों में हवस का पुजारी ही क्यों होता था. यानी हिंदू प्रतीकों को बुराई के साथ जोड़कर क्यों दिखाया जाता था और आज एक बार फिर ऐसे ही सवाल बॉलीवुड के इन कथित सेलेब्रिटीज पर उठ रहे हैं. यह कोई पहला मामला नहीं है जब हिंदुओं के त्योहार पर इस तरह की टिप्पणी की गई है. इसके पहले भी कई बार ऐसा आलम देखा गया है. बता दें कि फराह खान ने इसे छपरियों का त्योहार बताया था.