Dearness Allowance: सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता रहा है, ताकी समय के साथ बढ़ती जीवन यापन की लागत पर काबू पाया जा सके. डीए को साल में दो बार संशोधित किया जाता है.
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DA Hike: सरकार के जरिए लोगों के कई तरह की सुविधाएं दी जाती है. इन सुविधाएं के जरिए लोगों का हित किया जाता है. इसके अलावा सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों को भी कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है. इन्हीं में से एक अहम सुविधा Dearness Allowance की है. Dearness Allowance (DA) के जरिए सरकारी कर्मचारियों को सैलरी में इजाफा मिलता है. इसके साथ ही महंगाई से निपटने के लिए DA में इजाफा किया जाता है.
सरकारी कर्मचारियों को डीए क्यों दिया जाता है?
केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ता बढ़ती कीमतों की भरपाई के लिए प्रदान किया जाता रहा है, क्योंकि समय के साथ जीवनयापन की लागत बढ़ती है और सीपीआई-आईडब्ल्यू के माध्यम से परिलक्षित होती है. डीए को साल में दो बार संशोधित किया जाता है- जनवरी और जुलाई. वहीं केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए के रूप में उनके मूल वेतन का कुछ फीसदी अतिरिक्त मिलता है.
महंगाई भत्ते
महंगाई भत्ते (DA) का भुगतान सरकार के जरिए अपने कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनभोगी को भी मुद्रास्फीति के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है. बढ़ती कीमतों से निपटने में मदद करने के लिए सरकारी कर्मचारियों के प्रभावी वेतन में निरंतर वृद्धि की आवश्यकता है. मुद्रास्फीति की दर को नियंत्रित करने के लिए सरकार के जरिए कई उपायों के बावजूद आंशिक सफलता ही मिल पाई है क्योंकि कीमतें बाजार के अनुसार चलती हैं.
डीए
इसलिए, सरकार के लिए अपने कर्मचारियों को मुद्रास्फीति के प्रतिकूल प्रभावों से बचाना आवश्यक हो जाता है. चूंकि मुद्रास्फीति का प्रभाव कर्मचारी के स्थान के अनुसार अलग-अलग होता है, महंगाई भत्ते की गणना उसी के अनुसार की जाती है. इस प्रकार शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में उनकी उपस्थिति के आधार पर डीए कर्मचारी से कर्मचारी में भिन्न होता है. डीए बढ़ाने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ जाता है.