Budegt 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही अमेरिका को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर ली है. ट्रंप अमेरिका में इनकम टैक्स को खत्म करने की कवायत शुरू कर दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर आयकर हटाने और इसे टैरिफ से बदलने की वकालत की है.
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Budget 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आते ही अमेरिका को बड़ा तोहफा देने की तैयारी कर ली है. ट्रंप अमेरिका में इनकम टैक्स को खत्म करने की कवायत शुरू कर दी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर आयकर हटाने और इसे टैरिफ से बदलने की वकालत की है. ट्रंप के साथ ही अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने भी आयकर खत्म करने की बात दोहराई है. हो सकता है कि आने वाले दिनों में अमेरिका में इनकम टैक्स खत्म हो जाए. भारत में भी बजट पेश होने वाला है. लोगों की उम्मीदें बढ़ गई है. इनकम टैक्स में राहत को लेकर लोगों की अपेक्षाएं बढ़ती जा रही है. उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में टैक्स के मोर्चे पर उन्हें राहत दे सकती हैं.
बजट में टैक्स से राहत की उम्मीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को फाइनेंशियल ईयर 2025-26 का बजट पेश करेंग. लोगों की इस बजट से उम्मीदें बढ़ गई है. नौकरीपेशा और मिडिल क्लास को उम्मीद है कि सरकार इस बार बजट में राहत दे सकती है. टैक्स स्लैब में बदलाव कर या फिर टैक्स की सीमा बढ़ाने पर बजट में कुछ विचार किया जा सकता है. टैक्स स्लैब में बदलाव कर सरकार मिडिल क्लास को राहत देगी या नहीं ये तो 1 फरवरी को ही पता चलेगा, लेकिन उससे पहले कयासों और उम्मीदों का दौर चल रहा है.
इनकम टैक्स में राहत की उम्मीद
पिछले बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सैलरीड क्लास को स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाकर 75000 रुपये कर दिया था. टैक्स स्लैब को भी रिवाइज्ड किया था. उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन की कटौती को 75 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जा सकता है. अगर वित्त मंत्री की ओर से बजट में ऐसा ऐलान होता है कि मिडिल क्लास की जेब में अधिक पैसे छोड़ सकती है.
टैक्स का बोझ कम करने की मांग
बजट से पहले कंपनियों और अर्थशास्त्रियों ने कमजोर मांग का हवाला देते हुए मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम करने की मांग की है. माना जा रहा है कि मिडिल क्लास के उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल इनकम बढ़ाने की मांग को देखते हुए टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है. स्टैंडर्ड डिडक्शन के अलावा हेल्थ इंश्योरेंश और पेंशन जैसे खर्चों के लिए उच्च रियायतें देने की भी चर्चा हो रही है.