CM Siddaramaiah: MUDA से जुड़े कथित जमीन घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपियों को लोकायुक्त पुलिस ने क्लीन चीट दे दी है. पुलिस ने बुधवार को कहा कि सबूतों के अभाव में सीएम सिद्धरमैया और उनकी पत्नी पार्वती के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके.
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MUDA Plot Allotment Case: मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े कथित जमीन घोटाले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उनकी पत्नी समेत अन्य को बड़ी राहत मिली है. कर्नाटक लोकायुक्त ने सिद्धारमैया, उनकी पत्नी को क्लीन चिट दे दी है. इस मामले में सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके भाई मल्लिकार्जुन समेत कई अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी.
इस मामले की जांच कर रही लोकायुक्त पुलिस ने बुधवार को कहा कि सबूतों के अभाव में सीएम सिद्धरमैया और उनकी पत्नी पार्वती के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके. जांच अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने हाईकोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी है.
लोकायुक्त पुलिस ने कहा
लोकायुक्त पुलिस ने मामले में शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को लिखे लेटर में कहा, ‘चूंकि मामले में आरोपी-1 से लेकर आरोपी-4 के खिलाफ उपरोक्त आरोप सबूत के अभाव में साबित नहीं हो पाए हैं, इसलिए अंतिम रिपोर्ट हाईकोर्ट दाखिल की जा रही है.’ सिद्धरमैया और उनकी पत्नी के अलावा उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और जमीन के मालिक देवराजू भी आरोपी हैं.
लोकायुक्त पुलिस ने कहा कि मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) द्वारा 2016 से 2024 तक 50:50 के अनुपात में कॉम्पेंसेटरी प्लॉट उपलब्ध कराने के आरोपों की आगे जांच की जाएगी और दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173 (8) के तहत हाईकोर्ट को अतिरिक्त अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
एमयूडीए भूखंड आवंटन मामले में, यह आरोप लगाया गया है कि सिद्धरमैया की पत्नी की अधिग्रहित 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें मैसूरु के एक पॉश इलाके में भूखंड आवंटित किए गए, जिनकी कीमत अधिग्रहित जमीन की तुलना में काफी ज्यादा थी. आरोप है कि मैसूरु तालुक के कसाबा होबली के कसारे गांव के सर्वे नंबर 464 में स्थित 3.16 एकड़ जमीन पर पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था. लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ही मामले की जांच कर रहे हैं. ( भाषा इनपुट के साथ )