भारत बनेगा ग्रीन इंडिया; निर्मला ताई ने दिखाई दरियादिली, 9 प्रतिशत बढ़ाया पर्यावरण का बजट
Advertisement
trendingNow12627050

भारत बनेगा ग्रीन इंडिया; निर्मला ताई ने दिखाई दरियादिली, 9 प्रतिशत बढ़ाया पर्यावरण का बजट

Budget 2025: इस साल के बजट में पर्यावरण का भी अच्छे तरह से ध्यान रखा गया है. पिछले साल की तुलना में पर्यावरण का बजट इस बार 9 प्रतिशत बढ़ाया गया है. 

 

 

भारत बनेगा ग्रीन इंडिया; निर्मला ताई ने दिखाई दरियादिली, 9 प्रतिशत बढ़ाया पर्यावरण का बजट

Budget 2025: केंद्रीय बजट 2025 में हर विभाग के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने खजाना खोल दिया. बजट पर ध्यान लगाए बैठे लोगों की उम्मीदों को नई किरण मिली है. इस बार के बजट में हर बार की तरह पर्यावरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है. साल  2024-25 के मुताबिक इस बार का बजट 9 प्रतिशत बढ़ाया गया है. 

केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में पर्यावरण मंत्रालय को 3,412.82 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो 2024-25 के 3,125.96 करोड़ रुपये से नौ प्रतिशत अधिक है. बजट में पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण और वन क्षेत्र के विस्तार के लिए अधिक धनराशि आवंटित की गई है. वन क्षेत्र का विस्तार करने, मौजूदा वनों की रक्षा करने और जंगल की आग को रोकने के लिए काम करने वाले ‘नेशनल मिशन फॉर ए ग्रीन इंडिया’ को 2025-26 में 220 करोड़ रुपये मिलेंगे, जो पिछले साल के 160 करोड़ रुपये से अधिक है. 

प्राकृतिक संसाधन और पारिस्थितिकी तंत्र संरक्षण के लिए वित्त पोषण भी 30 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया है. इसके तहत, जैव विविधता संरक्षण के लिए बजट को 3.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो लगभग तीन गुना बढ़ोतरी है. सरकार ने जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए 35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो 2024-25 में 23.5 करोड़ रुपये से अधिक है. ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ और ‘प्रोजेक्ट एलीफेंट’ के लिए वित्त पोषण को 245 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 290 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 

प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत 1973 में की गई थी. यह एक वन्यजीव संरक्षण पहल है. इसका प्राथमिक उद्देश्य समर्पित टाइगर रिज़र्व बनाकर बाघों की आबादी के प्राकृतिक आवासों में अस्तित्त्व और रखरखाव सुनिश्चित करना है. वहीं प्रोजेक्ट एलीफ़ेंट की शुरुआत साल 1992 में हुई थी. इस योजना का मकसद, हाथियों और उनके आवासों की रक्षा करना और हाथियों की आबादी को बढ़ाना है. इस योजना के तहत, हाथियों के आवासों की सुरक्षा के लिए कई काम किए जाते हैं. (भाषा)

Trending news