Income Tax Bill: व‍ित्‍त मंत्री ने संसद में पेश क‍िया नया इनकम टैक्‍स ब‍िल, यहां जान‍िए टैक्‍सपेयर के ल‍िए क्‍या होगा खास?
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Income Tax Bill: व‍ित्‍त मंत्री ने संसद में पेश क‍िया नया इनकम टैक्‍स ब‍िल, यहां जान‍िए टैक्‍सपेयर के ल‍िए क्‍या होगा खास?

Income Tax Bill 2025: नए इनकम टैक्‍स ब‍िल को लेकर लंबे समय से इंतजार क‍िया जा रहा था, गुरुवार दोपहर के समय उसे व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में पेश कर द‍िया. आइए जानते हैं आपके ल‍िये इस ब‍िल में क्‍या खास हो सकता है.

Income Tax Bill: व‍ित्‍त मंत्री ने संसद में पेश क‍िया नया इनकम टैक्‍स ब‍िल, यहां जान‍िए टैक्‍सपेयर के ल‍िए क्‍या होगा खास?

New Income Tax Bill: व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने संसद में नया इनकम टैक्स बिल (Income Tax Bill) पेश कर द‍िया है। नए इनकम टैक्स बिल का मकसद मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट, 1961 को आम आदमी के ल‍िए आसान बनाना और मुकदमेबाजी कम करना है. इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के लागू होने के बाद अब तक 66 बजट (दो अंतरिम बजट सहित) में काफी बदलाव देख चुका है. कई टैक्‍सपेयर्स इस बात को लेकर च‍िंत‍ित हैं क‍ि क्या नया टैक्स बिल वास्तव में कानूनों को उतना ही आसान कर देगा जितना इसका इरादा है. ईटी में प्रकाश‍ित खबर के अनुसार आइए उन 10 चीजों पर नजर डालते हैं जो नए इनकम टैक्स बिल, 2025 (Income Tax Bill 2025) के बाद टैक्‍सपेयर्स पर सबसे ज्‍यादा असर डालेंगी.

1. टैक्‍स ईयर का कॉन्‍सेप्‍ट

नए इनकम टैक्स बिल में टैक्स ईयर के कॉन्‍सेप्‍ट को पेश क‍िये जाने की उम्‍मीद है. यह कॉन्‍सेप्‍ट इसलिए लाया जा सकता है ताकि टैक्‍सपेयर्स को असेसमेंट ईयर और पिछले साल के कारण होने वाली परेशान‍ियों से बचाया जा सके.  कई टैक्‍सपेयर टैक्स जमा करते समय और रिटर्न फाइल करने समय असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर को लेकर उलझ जाते हैं. टैक्स ईयर के कॉन्‍सेप्‍ट से टैक्‍सपेयर्स को यह समझने में मदद मिलेगी कि किस साल के ल‍िए आईटीआर फाइल किया जा रहा है और टैक्स जमा किया जा रहा है.

2. फाइनेंश‍ियल ईयर में बदलाव नहीं
टैक्‍सपेयर को यह ध्‍यान रखना चाह‍िए क‍ि फाइनेंश‍ियल ईयर के कॉन्‍सेप्‍ट में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. फाइनेंश‍ियल ईयर 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त होगा. नए इनकम टैक्स बिल में कैलेंडर ईयर को टैक्स ईयर के रूप में नहीं अपनाया जाएगा. आपको बता दें क‍िसी कैलेंडर ईयर 1 जनवरी से शुरू होकर 31 द‍िसंबर तक रहता है.

3. सेक्‍शन में बदलाव
नए इनकम टैक्स बिल में सेक्‍शन में बदलाव होने की संभावना है. उदाहरण के लिए मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग सेक्‍शन-139 के तहत कवर किया गया है. इसके अलावा न्‍यू टैक्स र‍िजीम को सेक्‍शन 115BAC के तहत कवर क‍िया गया है. अब नए इनकम टैक्स बिल में सेक्‍शन बदले जाने की संभावना है. ऐसा इसलिए होने की उम्‍मीद है क्‍योंक‍ि डायरेक्‍ट टैक्‍स लॉ की भाषा को सरल बनाया जाएगा. इसके चलते इनकम टैक्स एक्ट, 2025 के सेक्‍शन में बदलाव हो सकता है.

4. रेज‍िडेंसी लॉ में कोई बदलाव नहीं
सूत्रों के अनुसार नए इनकम टैक्स बिल में रेजीडेंसी लॉ में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. नए एक्ट में इनके पहले जैसा ही रहने की संभावना है. मौजूदा इनकम टैक्स एक्‍ट रेजीडेंसी लॉ को तीन कैटेगरी में ड‍िवाइड करता है. इसमें आम निवासी, गैर-आम निवासी और अनिवासी व्यक्ति. टैक्स जानकारों का कहना है क‍ि रेजीडेंसी एक्‍ट में बदलाव की जरूरत है. मौजूदा रेजीडेंसी एक्‍ट के लिए टैक्‍सपेयर्स को यह तय करने के लिए 10 साल पीछे देखना होता है कि मौजूदा फाइनेंश‍ियल ईयर में उनकी रेज‍िडेंश‍ियल स‍िचुएशन क्या है.

5. व्‍यापक आयकर व‍िधेयक
मौजूदा इनकम एक्‍ट के न‍ियमों को आसान बनाने के लिए नए इनकम टैक्स बिल में कुछ बदलाव किये गए हैं. जानकारों के अनुसार 23 अध्याय में बंटा नए इनकम टैक्‍स ब‍िल में 536 धाराएं, 16 अनुसूचियां हैं और यह 600 से ज्‍यादा पेज में है. मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट में 298 धाराएं और 14 अनुसूचियां हैं. जानकारों का कहना है क‍ि धाराओं में यह वृद्धि टैक्स एडम‍िन‍िस्‍ट्रेशन के लिए ज्‍यादा स्‍ट्रक्‍चरल दृष्टिकोण को दर्शाती है.

6. टैक्‍सपेयर के ल‍िए होगी आसानी!
मीड‍िया र‍िपोर्ट के अनुसार नियमों को आसान बनाने के मकसद से कुल इनकम का हिस्सा नहीं बनने वाली आमदनी को अनुसूचियों में ट्रांसफर किया गया है. वेतन से कटौतियां जैसे स्‍टैंडर्ड ड‍िडक्‍शन, ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट आदि अलग-अलग सेक्‍शन और नियमों में होने की बजाय एक ही जगह पर ल‍िस्‍टेड क‍िये गए हैं. नए इनकम टैक्स एक्‍ट में व्यवसायों के लिए डेप्रिसिएशन की कैलकुलेशन को सूत्र देकर आसान क‍िया गया है.

7. आगे चलकर हो सकती है परेशानी
टीडीएस से जुड़े सभी सेक्‍शन को समझने में आसानी के ल‍िये तालिकाओं के साथ एक ही खंड के तहत लाया गया है. इसका मतलब यह होगा कि इस बिल के लागू होने के बाद, रिपोर्टिंग मकसद के लिए फॉर्म और यूटिलिटीज में बहुत बदलावों की जरूरत होगी. यानी, अभी यह देखने में भले ही आसान लगे लेक‍िन लागू होने के बाद इससे जुड़ी फॉर्म और प्रोसेस में आगे चलकर परेशानी हो सकती है.

8. कैपिटल गेन टैक्सेशन में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं
बजट 2025 में की गई घोषणा के अनुसार टैक्‍सपेयर्स के लि‍ए टैक्स में न‍िश्‍च‍ितता को बढ़ावा देने के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की टाइम ल‍िम‍िट, इनकम टैक्स स्लैब और कैपिटल गेन टैक्सेशन में क‍िसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.

9. एक साल बाद ही लागू होगा नया ब‍िल
सूत्रों के अनुसार नया इनकम टैक्स बिल 1 अप्रैल, 2026 से यानी वित्तीय वर्ष 2026-27 से लागू होने की संभावना है. इसका सीधा सा मतलब हुआ क‍ि मार्च 2025 और मार्च 2026 को खत्‍म होने वाले फाइनेंश‍ियल ईयर के लिए टैक्‍सेबल इनकम की कैलकुलेशन और उसकी रिपोर्टिंग अभी भी मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट के तहत करनी होगी.

10. क्रिप्टो करेंसी पर क्‍या होगा?
नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स जैसे क्रिप्टोकरेंसी पर न‍ियमों को सख्‍त क‍िये जाने की उम्‍मीद है. अब क्रिप्टो एसेट्स को अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा. यह ठीक उसी तरह होगा जैसे अभी नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है. इस कदम से डिजिटल पेमेंट को पारदर्शी बनाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया जाएगा. 

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