पैसे रख लीजिए तैयार, जल्द ही आ रहा Phone-Pe का IPO, जानिए डिटेल्स
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पैसे रख लीजिए तैयार, जल्द ही आ रहा Phone-Pe का IPO, जानिए डिटेल्स

PhonePe IPO: फोन-पे ने दिसंबर, 2022 में सिंगापुर से भारत में स्थानांतरण किया था. इसके लिए उसे सरकार को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का कर देना पड़ा था.

पैसे रख लीजिए तैयार, जल्द ही आ रहा Phone-Pe का IPO, जानिए डिटेल्स

भारत की सबसे बड़ी फिन टेक कंपनी फोन-पे IPO लाने की तैयारी मे हैं. कंपनी ने गुरुवार को कहा है कि देश के शेयर बाजारों में लिस्ट होने के लिए अपने संभावित आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी का मूल्य वर्ष 2023 में आयोजित अंतिम वित्तपोषण दौर के दौरान 12 अरब डॉलर था. 

फोन-पे ने एक बयान में कहा, "कंपनी अपने संभावित आईपीओ के संबंध में प्रारंभिक कदम उठा रही है और भारतीय शेयर बाजारों में लिस्ट होने की योजना बना रही है. यह कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो इस साल अपनी 10 साल की वर्षगांठ मनाएगी. कंपनी अभिनव वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी समाधानों के साथ करोड़ों ग्राहकों की सेवा करने के लिए विकसित हुई है." 

फोन-पे ने दिसंबर, 2022 में सिंगापुर से भारत में स्थानांतरण किया था. इसके लिए उसे सरकार को लगभग 8,000 करोड़ रुपये का कर देना पड़ा था. बेंगलुरु स्थित यह कंपनी देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट सेवा प्रदाता है, जिसका यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में करीब 48% बाजार हिस्सेदारी है.

फोन-पे एक रियल-टाइम मोबाइल पेमेंट प्लेटफॉर्म है, जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) संचालित करता है. वहीं, गूगल पे इस क्षेत्र में दूसरे स्थान पर है, जिसकी बाजार हिस्सेदारी करीब 37% है.

वर्चस्व खत्म करने की कोशिश में NPCI

NPCI लगातार अन्य फिनटेक ऐप्स को प्रोत्साहित कर रहा है ताकि UPI में प्रतिस्पर्धा बढ़े और इस क्षेत्र में दो कंपनियों का वर्चस्व खत्म हो सके. इससे पहले NPCI ने यह नियम बनाया था कि कोई भी गैर-बैंक थर्ड-पार्टी ऐप 30% से अधिक बाजार हिस्सेदारी नहीं रख सकता. हालांकि, इस नियम को लागू करना मुश्किल साबित हुआ और NPCI को दो बार इसकी समय सीमा बढ़ानी पड़ी. इसका सबसे ताजा विस्तार 31 दिसंबर 2024 तक किया गया, क्योंकि इससे ग्राहकों को असुविधा हो सकती थी.

PhonePe के IPO पर असर

PhonePe के संस्थापक, समीर निगम ने कहा था कि जब तक बाजार हिस्सेदारी लिमिट को लेकर स्पष्टता नहीं आ जाती, तब तक कंपनी IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) लाने की योजना नहीं बनाएगी. उन्होंने कहा, "UPI पर 30% बाजार हिस्सेदारी की लिमिट हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है."

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