MP हाईकोर्ट का आदेश, UPSC में EWS कैटेगरी वालों को भी 9 अटेंप्ट और 5 साल की आयु सीमा में छूट
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MP हाईकोर्ट का आदेश, UPSC में EWS कैटेगरी वालों को भी 9 अटेंप्ट और 5 साल की आयु सीमा में छूट

UPSC Exam Age Limit: याचिका में तर्क दिया गया है कि ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों के साथ समानता होनी चाहिए और पात्रता मानदंडों के मामले में जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए.

MP हाईकोर्ट का आदेश, UPSC में EWS कैटेगरी वालों को भी 9 अटेंप्ट और 5 साल की आयु सीमा में छूट

UPSC Economically Weaker Sections: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को निर्देश दिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा का फॉर्म भरने की अनुमति दी जाए, जिसमें उन्हें अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट मिले, और उन्हें अन्य रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों की तरह नौ अटेंप्ट करने की अनुमति दी जाए. 

आसान शब्दों में कहें तो, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यूपीएससी से कहा है कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के उम्मीदवारों को भी बाकी आरक्षित कैटेगरी के उम्मीदवारों की तरह ही उम्र में छूट और अटेंप्ट्स मिलने चाहिए, ताकि उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का बराबर मौका मिल सके.

हालांकि, इन उम्मीदवारों के नतीजे अदालत के अंतिम फैसले पर निर्भर करेंगे, मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सुरेश जैन की पीठ ने अपने 14 फरवरी के आदेश में कहा है. याचिकाकर्ता, मध्य प्रदेश के मैहर शहर के आदित्य नारायण पांडे ने सवाल उठाया है कि ईडब्ल्यूएस आवेदकों को आयु में छूट और अटेंप्ट की संख्या में अन्य रिजर्व कैटेगरी के समान फायदे क्यों नहीं मिलते हैं. आसान शब्दों में कहें तो, कोर्ट ने अभी सिर्फ अंतरिम आदेश दिया है, फाइनल फैसला आना बाकी है. इसलिए,  ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार परीक्षा तो दे सकते हैं, लेकिन उनका रिजल्ट कोर्ट के आखिरी फैसले पर डिपेंड करेगा.

यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2025 के लिए 979 पदों का विज्ञापन दिया है और प्रारंभिक परीक्षा 25 मई को है. याचिका में तर्क दिया गया है कि ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों के साथ समानता होनी चाहिए और पात्रता मानदंडों के मामले में जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों, जैसे एससी/ एसटी/ ओबीसी/ दिव्यांग को ऊपरी आयु सीमा में पांच साल की छूट और नौ प्रयास मिलते हैं.

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केंद्र और यूपीएससी के वकील ने याचिका पर आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा: "चूंकि फॉर्म भरने की आखिरी तारीख नजदीक है, इसलिए हम याचिकाकर्ता को आवेदन करने की अनुमति देना उचित समझते हैं. यूपीएससी को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता के साथ-साथ समान रूप से स्थित अन्य सभी उम्मीदवारों के आवेदन को CSE-2025 के लिए मौजूदा योग्यता या उम्र के संदर्भ के बिना स्वीकार करे, लेकिन अन्य शर्तों के अनुपालन के अधीन. आवेदन 14 फरवरी से सात दिनों तक उपरोक्त शर्त पर और इस अदालत के आगे के आदेशों के अधीन स्वीकार किए जाएंगे."हाईकोर्ट ने कहा कि "हालांकि, ऐसे उम्मीदवारों के नियुक्ति आदेश... इस अदालत की अनुमति के बिना जारी नहीं किए जाएंगे."

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